गुस्ताखी माफ़: भिया, मूंछें हों तो परिहार-सेठिया जैसी…. उषा दीदी के पीले चावल…ऐसा-वैसा…
भिया, मूंछें हों तो परिहार-सेठिया जैसी
सहकारिता विभाग में इन दिनों सहकारिता मंत्री के दो राम-लखन पिछले बारह सालों से डंटे हुए हैं। कई आए और कई गए, परंतु इनका बाल बांका नहीं हो पाया है, यानी सैंया ही कोतवाल तो डर काहे का... जलवा यह है कि…
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