Gujarat formula: दिग्गजों के क्षेत्र बदलेंगे तो कई मैदान से इस बार बाहर होंगे
गुजरात फार्मूले को मध्यप्रदेश में भी लागू करने के संकेत
इंदौर ( Gujarat formula)।
गुजरात फार्मूले ने मध्यप्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की धड़कने तेज कर दी है। कई मंत्रियों से लेकर विधायकों को अब इस बार उम्मीदवारी को लेकर खतरा सता रहा है। गुजरात में पांच बार चुनाव जीते हुए दिग्गजों से लेकर कई मंत्रियों और उम्रदराज नेताओं की उम्मीदवारी पर रातोरात ऐसा ग्रहण लगा कि उनमे से कई को निर्दलीय उम्मीदवार बनना पड़ा। दूसरी ओर गुजरात में कांग्रेस से भाजपा में गये उम्मीदवारों का पत्ता भी कट गया है। गुजरात में तीस प्रतिशत टिकट इस बार नये चेहरे को दिये गये थे। मध्यप्रदेश में पचास प्रतिशत नये चेहरे मैदान में होंगे। माना जा रहा है अब इसी फार्मूले को भाजपा हाईकमान अन्य राज्यों के लिए भी लागू कर देगा। इसके चलते मध्यप्रदेश में ५१ दिग्गजों के टिकट कट रहे हैं तो वहीं 70 के करीब पहुंच रहे कई नेताओं का यह अंतिम चुनाव होगा।
लंबे समय से भाजपा संगठन में भी लगातार युवाओं को ही तरजीह दे रही है। पिछले समय नगरीय निकाय के चुनाव में भी कुछ ही जगहों पर नियमों को शीथिल किया गया जबकि अधिकांश जगहों पर युवाओं को ही उम्मीदवारी दी गई। जबकि कई स्थापित नेता उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल थे। गुजरात चुनाव पहले प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी संकेत दे दिये थे कि इस बार भाजपा का युवा चेहरा मैदान में होगा और यही वजह है कि माना जा रहा है कि इस बार सत्तर से अधिक पुराने दिग्गज नेता चुनावी मैदान से बाहर होंगे। इसकी अपनी वजह भी है।
प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपने उम्मीदवारों की जीत के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा था और उसके बाद जोर जुगाड़ के साथ सरकार में वापस आना पड़ा। भाजपा के कई मंत्री यदि चुनाव नहीं हारते तो सत्ता में वापसी आसान थी। कई मंत्रियों की कार्यशैली अभी भी ऐसी रही है कि वे खुद तो हारेंगे ही आसपास की सीटों पर भी हारने की वजह बनेंगे।
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