सुलेमानी चाय -सिराज के इलाज से नाहरशाह वली ला इलाज…जनता परेशान और सादिक पहलवान..खिसियाने नेता सलीम को नोंचे…
खिसियाने नेता सलीम को नोंचे...असलम की टीम में उम्रदराज.. दूरदराज तक नहीं होंगे...
सिराज के इलाज से नाहरशाह वली ला इलाज…
प्रदेश में वक्फ की बड़ी सम्पत्तियों में शुमार खजराना नाहरशाह वली पर अरब अली के अश्लील नृत्य कांड के बाद से सिराज एहमद चौकीदार के रूप में धमा चौकड़ी मचा रहे है, जिस पर दरगाह और मस्जिद की हालत खस्ता होती जा रही है।
परिसर में नशेड़ियों और गंजेड़ियों ने कब्जा जमा रखा है। मस्जिद के काम भी जनता खुद चंदा करके कर रही है जिसे चौकड़ी महाराज दरगाह की आने वाली आय से अपना खर्च बता कर आडिट करा रहे है। इन सब की शिकायत नमाजियों ने जिला अध्यक्ष से की। वे भी प्रशासक दिलीप यादव को लेटर लिख चुके है। इसी के साथ ‘हरीरामÓ की माने तो कमेटी बनाने के एवज में 15 लाख का बयाना भी आ गया था, लेकिन मामला फेल हो गया, पता नहीं कमेटी वाले जयरिनों की खिदमत करना चाहते है या खुद की और पता नहीं खजराने का मीठा भोपाल में कहां कहां तक पहुंच रहा है जो चौकीदारों पर शिकायतों के बाद भी मेहरबानी कायम है।
जनता परेशान और सादिक पहलवान..
भांग के सहारे अपना पहला चुनाव जीतने वाले सादिक नेता को अब भांग से एलर्जी हो चली है। भांग की कमाई से सफेद साम्राज्य खड़ा कर चुके नेता जी की जांच में भांग की महक आना पक्का है। खैर सैफी नगर पर तवा चिकन से लोग काफी परेशान है। चुनाव के वक्त लोगों ने सादिक से शिकायत की थी जिस पर वादे के साथ तत्काल दुकानें बन्द करा दी गईं, लेकिन चुनाव के बाद से ही सभी दुकानें खुल गई, दुकानों के बाहर नशेड़ी रोज झगड़ा करते है, जिससे रहवासी देर रात तक सो नहीं पाते, सादिक के वादे पर भरोसा करने का नतीजा भोले भाले लोगों को अगले पांच साल तक तो भुगतना ही पड़ेगा।
खिसियाने नेता सलीम को नोंचे…
खजराना की चुनावी बेला में सलीम पठान की बत्तियों से खिसिया चुके पार्षद पति जैसे तैसे चुनाव तो जीत गए, लेकिन एक एक कर के हर बत्ती पर बत्ती देने का वक्त आ गया है, जिसके तहत सबसे पहले पार्षद पति वार्ड 39 से तीसरे नम्बर पर आने वाले बेचारे सलीम कबाड़ी का कबाड़ा कर रहे है, सलीम की बत्तियों का जवाब अब बत्ती पर बत्ती देकर दिया जा रहा है। खैर सलीम पठान ने इसकी शिकायत थानेदार साहब को कर दी है। आवेदन में बत्ती में दी गई गालियों का खुल के बयान किया है, लेकिन पार्षद साहब के घोड़े बाहिफ़ाजत है, क्योंकि सैय्या भये कोतवाल को अब डर काहे का।
गब्बर हो सकते हैं आई.के. के मुखिया…
मुस्लिम समाज की प्रदेश स्तरीय शैक्षणिक संस्था इस्लामिया करिमिया सोसायटी के चुनाव अब दस सितंबर को तय हो चुके है। चुनावों को लेकर चल रहे विवादों में ‘दादाÓगिरी से काम बन गया है। दादा के हस्तक्षेप से चुनाव के लिये सहमति बन गई है। हलीम साहब को फिर सचिव की कुर्सी मिल सकती है वहीं अध्यक्ष पद के लिए भरे गए फॉर्म में जहां एक नासीर (नस्सु) जगत चाचा का फॉर्म कैंसिल हो चला है। वहीं दूसरे नासिर बेग ने अपने खेमे से आदिल खान को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं मुल्तानी परिवार से नूरी बाबा के भतीजे इरफान मुल्तानी उर्फ गब्बर मुल्तानी वोटों के सहारे चुनाव में गब्बर होते दिख रहे है।