खजराने में टी आई साहब ने किया सबसे ज्यादा झंडावंदन…
खजराने में महापौर का चुनाव लगता है टीआई साहब ही जीते है, तभी 15 अगस्त पर क्षेत्र में सबसे ज्यादा तिरंगा फहराने का खिताब साहब के ही नाम है। इसी के साथ टीआई साहब क्षेत्र के हर छोटे-मोटे कार्यक्रम में जा जाकर बड़े बड़े कामों को अंजाम दे रहे हैं। साहब से मधुर सम्बन्धो के चलते अल्ते भलते भी काम धंधा छोड़ बड़े बड़े मेटर निपटाते नजर आ रहे है, जिसमें जमीन, कब्जे, मारपीट, घरेलू हिंसा के साथ साथ दूसरे मसले भी शामिल है, बिना पसीना बहाए जब अच्छा खासा हिस्सा मिलने लगे तो फिर साहब का मान सम्मान तो बनता है। दूसरे थाना प्रभारियों को भी सबक लेकर अपनी लाइन बड़ी करना चाहिए।
ज़ैद की कैद पर उठ रहे सवाल…
एनआरसी, चूड़ी वाला और खरगोन कांड के बाद सामाजिक कार्यकर्ता ज़ैद पठान पर प्रशासन की नजरें तिरछी हो चली थी, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी के साथ सोशल मीडिया पर उनके बढ़ते कद से मुस्लिम समाज के ठेकेदारों के साथ जिम्मेदार भी परेशान होने लगे थे, जिस वजह से प्रशासन ने आनन फानन में ज़ैद पर एनएसए के तहत कार्रवाई कर दी, जिस पर दिग्गी राजा ने भी अपने ट्वीट के जरिये ज़ैद के समर्थन में प्रशासन को घेरा है। इसी के साथ समाज के सभी मुद्दों पर ज़ैद के साथ कदमताल करने वाले मौलाना, पार्षद और नेता, समाजसेवी सभी ने फिलहाल ज़ैद के मामले में अपने मुँह में दही जमा लिया है और सभी सिर्फ इशारों इशारों में ही बात कर रहे है।
क्यों हुए कमाल के कचरे…
कमाल भाई भाजपा कोटे से लाल बत्ती का मजा लेने वाले नेताओं में बड़ा नाम है। प्रदेश में आरिफ़ बैग, इनायत हुसैन के साथ कमाल भाई का नाम भी बीजेपी के बड़े नेताओ में शुमार होता है। कमाल भाई भाजपा के ऐसे नेता है जिनकी हिंदू मुस्लिम ही नही हर पार्टी का आदमी इज्ज़त करता है, पर कुछ दिन से एक धड़ा उन्हें दूसरी ही बत्ती देने में लगा है, जो उन्हें जानते है उन्हें ये बात हजम नही हो रही। पता चला है इसके पीछे कोई सियासी वजह नहीं बल्कि उनकी राजवाड़ा की वो दुकान है जो वो बरसों से कमाल भाई चला रहे हैं और वहीं उनकी कुल पूंजी है जो दुकान मालिक खाली कराना चाहता है पर बात बन नहीं रही जिसके चलते ठेका कुछ लोगों को दे दिया है, जहां मौका दिखे, चौका लगाना है, पर कमाल भाई और उनके वालिद लाल भाई ने जो बरसों मोहब्बत बोई है उसे मिटाना इतना आसान नहीं।
दुमछल्ला
आई के के चुनाव में रहस्यमयी बैग के चर्चे…
इस्लामिया कारीमिया सोसाइटी में चुनावी चकल्लस तेज़ हो रही। अधिसूचना जारी हो गई है। 10 सितंबर को नए मुखिया के लिए वोट पड़ेंगे। सालों से आम सहमति जारी थी। लेकिन अब ऐसा नही है। मजे की बात है कि पुराने पौने दो सौ सदस्य के अलावा सवा सौ के लगभग नए भी प्रकट हो गए है। एक रहस्यमयी बैग से निकली इन नए सदस्यों की सूची पर संस्था और चुनाव दोनों का भविष्य ठीक हुआ है। खुलासा हुआ है कि रहस्यमयी बैग के तीन रखवाले है इन्ही की वजह से आम सहमति को पलीता लगा है। मामला कोर्ट में जा सकता है।