हर महीने बदलेंगी बिजली दरें

अगले साल से प्रभावी अधिसूचना जारी, राज्यों से 11 सितंबर तक सुझाव मांगे

नई दिल्ली (ब्यूरो)। अब बिजली की दरें भी डीजल-पेट्रोल की तर्ज पर बदलेंगी। अंतर बस इतना होगा कि डीजल-पेट्रोल की दरों में रोजाना बदलाव होता है, जबकि बिजली दरों में बदलाव हर महीने होगा। दरअसल, विद्युत उत्पादन गृहों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन जैसे कोयला, तेल और गैस आदि की कीमतों के आधार पर बिजली दरें तय की जाएंगी। इसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी। इस नए प्रावधान के अगले साल के शुरुआत से हरी झंडी दी जा रही है।

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 176 के तहत 2005 में पहली बार विनियम बनाए थे। अब इसमें संशोधन की तैयारी है। इसके लिए विद्युत (संशोधन) विनियम 2022 का मसौदा जारी कर दिया गया है। दरअसल, संसद के मानसून सत्र में विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 के पारित न हो पाने के कारण सरकार ने विनियमों में संशोधन के जरिए इसके प्रावधानों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के उप सचिव डी. चट्टोपाध्याय की ओर से सभी राज्य सरकारों समेत अन्य संबंधित इकाइयों को मसौदा भेजकर 11 सितंबर तक सुझाव मांगे हैं। मसौदे के पैरा 14 में यह प्रावधान है कि वितरण कंपनी द्वारा बिजली खरीद की धनराशि की समय से वसूली के लिए ईंधन की कीमतों के आधार पर हर महीने बिजली दरें तय की जाएंगी और इसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी। इसमें बिजली दरें 50 पैसे से 1 रुपए 25 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाए जाने का अनुमान लगाया गया है।

इधर बिजली कंपनी के सूत्र कह रहे हैं एक साथ दरें न बढ़ाने की जगह अब धीरे-धीरे बिजली दरें बढ़ती रहेगी। बिजली कंपनियों की ओर से नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) के साथ दाखिल किए जाने वाले ट्रू-अप प्रस्ताव में बढ़ी दरों का समायोजन किया जाएगा। इसके लिए विद्युत मंत्रालय ने फॉर्मूला भी तय किया है। 11 सितंबर के बाद विनियम को अंतिम रूप देकर अधिसूचना जारी की जाएगी।

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