मुस्लिम समाज के ज्यादातर मसलों पर चुप्पी साधने वाले सरकारी काजी साब की जबान अब खुलने लगी है, ज्यादातर मामलों में वे ऑस्ट्रेलिया रवाना हो जाते है या तबीयत की नासजी का हवाला देते रहते है, अब की बार शहर के तीन चौधरियों ने काजी साहब को गर्म किया और काजी साहब मेले और प्रशासन की नूरा कुश्ती में कूद गए। मोहर्रम और मंगलवार साथ आने पर मेला कमेटी ने प्रशासन के साथ मिलकर मेला बुधवार से शुरू करने का फैसला कर लिया था, उस पर अचानक गर्म किये गए काजी साहब ने विरोध किया और मेला मंगलवार को ही शुरू कराया गया। मंगलवार को काजी साब सरकारी ताजिये को कर्बला में अंदर करा कर खुद बाहर निकल लिए, लेकिन बादलों ने भी आकर मंगल के अमंगल पर पानी फेर दिया, खैर आगे भी काजी साब की आंखें और जबान खुली रहे यही उम्मीद समाज की नाउम्मीदी पर भारी है।
आइ. के मेहरबान तो साबिर पहलवान…
प्रदेश की सबसे बड़ी मुस्लिम एजुकेशनल संस्था इस्लामिया करीमिया सोसाइटी सालों से शहर के गरीब तबके की तालीम को आसान बनाती चली आ रही है। इसी के साथ कई बड़ी बड़ी शख्सियतों ने यहाँ से इल्मयाफ्ता होकर सोसयटी के साथ साथ इंदौर का नाम भी रोशन किया है। सोसायटी के मेम्बर ओर भाजपा नेता नासीर शाह के भाई साबिर शाह बड़े कांट्रेक्टर है, वो भी सोसायटी को फायदा पहुंचाने के लिये लगभग सारे बड़े ठेके सबसे कम रेट में लेकर बड़ी खिजमत को अंजाम दे रहे है, ठेके लेने की कलाकारी इन्हें विरासत में मिली है, तभी तो काम भी हो जाता है और खिजमत भी, खैर अगर काम खिदमत और सोसायटी को फायदा पहुंचने की गरज से ले रहे है तो ठीक है, लेकिन अगर मकसद सिर्फ अपना फायदा देखना है, जवाब देना महँगा साबित पड़ सकता है।
दुमछल् आपसी खींचतान से खिसकी प्रतिपक्ष की कुर्सी…
इंदौर निगम में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए फौजिया शेख और रुबीना इकबाल की खिंचतान से कुर्सी चिंटू के खाते में चली गई, फौजिया की जड़ों में मट्ठा डालने का काम कांग्रेस का तबका बड़ी ही शिद्दत से कर रहा है, और हर बार नाकामी ही मिलती है, लेकिन इस बार मट्ठा काम कर गया। इसी के साथ अब अलीम अपनी बेटिंग के इंतजार में है, जब गेंद उनके बल्ले पर होगी तब वे भी चौका या छक्का लगाने में देर नहीं करेंगे। वैसे नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए विनिता दीपू यादव भी मजबूत दावेदार थी। उन्होंने अरुण यादव से लेकर कमलनाथ तक के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई थी।