सुलेमानी चाय-घटस्थापना के इनाम में सनव्वर की वक्फ बोर्ड में स्थापना…अपने अपने हिसाब से हिसाब बराबर करने की तैयारी…

निर्दलीय ही रहेगा उस्मान का ऊँट...इस्लामिया कारीमिया का इतिहास...

घटस्थापना के इनाम में सनव्वर की वक्फ बोर्ड में स्थापना…


उज्जैन में राम मंदिर के निर्माण में पूरे परिवार सहित तन मन धन से समर्पित सनव्वर पटेल को अपने समर्पण का इनाम मिल रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने सियासी खेमे से इंदौर को नजरअंदाज कर सनव्वर पटेल पर इनायत की है। साथ ही सरकारी कोटे के सहारे इंदौर के इनाउर्रहमान और भोपाल से मेहबूब हुसैन को भी वक्फ बोर्ड सदस्य बनाया गया है। जिसके चलते प्रदेश वक्फबोर्ड में अध्यक्ष की तस्वीर भी साफ हो गई है। इसी के साथ पूरे प्रदेश में अपनी वक्फ कमेटियां बनाने के लिये जोड़ तोड़ करने वाले सनव्वर की मनोव्वल में लग गए है। साथ ही सभी कमेटियों के भावी मुतवल्ली भी तन मन धन के सहारे आगामी दिनों में उज्जैन के चक्कर में चकरघिन्नी होते दिखाई दे रहे है।

अपने अपने हिसाब से हिसाब बराबर करने की तैयारी…

पार्षद चुनाव खत्म हो चुके है, लेकिन रंजिशों का दौर अब शुरू हो चुका है। पिछले दिनों खजराना व्यापारी एशोसिएशन अपने बैनर तले सभी मुस्लिम पार्षदो का एक मंच पर सम्मान करना चाहती थी। जिसमें चुनावी रंजिश साफ नजर आईं। कई पार्षदों ने अपने विरोधियों के साथ आना भी गवारा नही किया। चुनाव के वक्त एक दूसरे के लिए जो जहर उगला जा रहा था। वो अब रंजिश बनती जा रही है। इनके साथ साथ आफत तो अब उन केतलिओ को आने वाली है जो चाय से ज्यादा गर्म हो रही थी। मजे की बात तो यह है कि उनके नेताओं ने भी हारने के बाद उन्हें अपने दीदार देना बंद कर दिए है। जो कि इन बेचारी केतलिओ के साथ जीने मरने का वादा कर रहे थे। अब चाय जब फटेगी तब फटेगी लेकिन केतलिया कभी भी फूट सकती है।

निर्दलीय ही रहेगा उस्मान का ऊँट…


खजराना वार्ड 38 में अनुशाली पटेल की चुनावी खुजली खत्म करने वाले उस्मान पटेल ने कल बीजेपी के मंच से शपथ ग्रहण की थी, जिस पर खजराना के लोगों ने मन ही मन उन्हें कोसना शुरू कर दिया था, उस्मान ने फिलहाल तो यह साफ कह दिया है कि वह निर्दलीय ही काम करेंगे, और जनता की सेवा करेंगे, लेकिन वक्त का कोई भरोसा नहीं, बेचारे ऊंट को जिधर चारा दिखेगा वो तो उधर ही दौड़ेगा, उस्मान अपने ऊंट को कब तक सम्भाल पाते है ये वक्त आने पर ही पता चलेगा।

दुमछल्ला
इस्लामिया कारीमिया का इतिहास…

शहर में मुस्लिमों की सबसे पुरानी तालीमी संस्था इस्लामिया कारीमिया के इतिहास का बखान करने के लिए 100 से ज्यादा पन्नो को काला किया गया है और संस्था के हर सदस्यों को हिफाज़त से पहुंचाया गया है। इस इतिहास से सालो से जमे चौकीदार अपना वर्तमान संवारना चाहते है। संस्था के अंदर विरोध को दबाने के लिये जमकर पन्ने काले किए गए है। लेकिन हक़ीक़त सबको मालूम है। बाहर की जमावट के साथ ही अंदर भी खेला करने की तैयारी है। कुछ ऐतिहासिक सदस्यों को इतिहास हो जाने का डर है। नई भर्ती कामियाब हो गई तो फिर संस्था पर कब्ज़ा पक्का है। इसी के साथ दूसरी टीम भी लंगोट जंगिया पहन कर तैयार है।
-9977862299

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