इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े नगरीय निकाय इंदौर में भाजपा महापौर पुष्यमित्र भार्गव का शपथ ग्रहण समारोह 5 अगस्त को अभय प्रशाल में अयोजित किया जाएगा। शपथ समारोह में मुख्यमंत्री के आने पर शंशय बरकरार है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उपाथिति यह सकते है। शपथ के बाद कलेक्टर 8 अगस्त को सभापति और अपील समिति का निर्वाचन कराएंगे। इसके बाद 7 दिनों में एमआईसी का गठन किए जाने की कवायद शुरू होगी।
प्रदेश के अन्य शहरों में महापौर के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम शिवराज सिंह चौहान के शामिल नहीं होने के कारण वे इंदौर में भी उपस्थित नहीं रहेंगे।
हालांकि इस पर आख़री फैसला अभी लिया जाना है, लेकिन यह माना जा रहा है, की प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शपथ विधि समारोह में शामिल हो सकते हैं। 5 अगस्त की शाम 5 बजे अभय प्रशाल में होने वाले इस समारोह में शपथ ग्रहण कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा करवाई जाएगी।
8 अगस्त को पहला परिषद सम्मेलन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया जाएगा। कन्वेंशन सेंटर के ओरियन हाल में सुबह 11 बजे शुरू होने वाले सम्मेलन में नगर निगम अध्यक्ष का तथा अपील समिति के सदस्यों का निर्वाचन होगा। उधर भाजपा ने नए महापौर और परिषद के गठन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय पर सभी विधायकों व कोर कमेटी सदस्यों की लेकर बैठक हुई।
कलेक्टर सभी 85 पार्षदों को शपथ दिलाएंगे, लेकिन इसमें वार्ड 22 से निर्वाचित पार्षद राजू भदौरिया जेल में होने से शामिल नहीं हो सकेंगे। चुनाव के दौरान अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी चंदू शिंदे पर हमले के आरोप में वे जेल में है। कांग्रेस भदौरिया के लिए तीन माह का समय ले सकती है।
निर्विरोध सभापति चुने जाने की तैयारी :
8 अगस्त को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में होने वाले सभापति के चुनाव कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा आयोजित कराए जाएंगे। यहां प्रशासन ने सभापति के निर्वाचन की प्रक्रिया के लिए मतदान और आवश्यकता पड़ने पर मतपेटियों के इंतजाम भी किए है, लेकिन इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है, क्योंकि 85 पार्षद में से 64 भाजपा के है। परिषद द्वारा सभपति के नाम पर एक राय होने के बाद निर्विरोध ही सभापति चुन लिया जाएगा। सभापति का चुनाव होते ही 7 दिन के भीतर महापौर परिषद का गठन और एमआईसी का गठन भी करना होगा।
सभापति का नाम विधानसभा 1, 2, 5 से आगे आया
सभापति किसको बनाया जाए, इसको लेकर पार्टी संगठन में विचार चल रहा है। ऐसे नाम की तलाश की जा रही है, जो सबसे पहले नगर निगम की गतिविधियों का जानकार हो। दूसरा, गंभीर व वरिष्ठ होने के साथ में मजबूत भी हो। जिसके बोलने का भाजपा तो ठीक कांग्रेस के पार्षद भी सम्मान करें। मंथन के बाद यह बात निकल कर आ रही है, की सभापति विधानसभा एक या दो में से भेजा जाए। विधानसभा एक से निरंजन सिंह चौहान का नाम है, वहीं दो नंबर विधानसभा से पूर्व में भी सभापति रहे, राजेंद्र राठौर का नाम फिर से रखा गया है, लेकिन वे इस बार सभापति का पद लेने के मूड में नही है।
इन सो नामों के बीच पांच नंबर में राजेश उदावत के नाम पर विचार किया जा सकता है। 4 नंबर विधानसभा से महापौर पुष्यमित्र भार्गव खुद आते है, इसलिए यहां से सभापति का नाम नहीं आएगा। हालांकि भाजपा की कोर कमेटी किसी और नाम पर विचार करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग भी कर सकती है।