क्या वास्तव में मोदीजी अवतार हैं?
जी हाँ, इन पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव तो इसी तरफ इशारा करते हैं। कभी-कभी जीवन में कुछ इसी तरह के चमत्कार हो जाते हैं जो ईश्वर के चमत्कार जैसा ही लगता है। एबीपी चैनल की एक एंकर , जिसने सरकार विरोधियों की बहुत आलोचना झेली, इलेक्शन नोटिफिकेशन के पूर्व तक अपने दैनिक सर्वेक्षण में भाजपा को पूरी कोशिश के बाद मात्रं 225-233 सीटें ही दी थीं। अति उत्साही चैनलों को छोड़कर किसी चैनल ने भाजपा को उतनी सीटें नहीं दी थीं जितनी अंतिम परिणामों में आई हैं।
इसके अतिरिक्त जमीन पर माहौल सरकार समर्थकों में भी आशंका के बीज बो रहा था। तमाम चैनलों ने प्रधानमंत्री की रैलियों में भी खाली कुर्सियों के विजुअल्स दिखाये थे। ऐसे भी अनेक समाचार प्रसारित हुये कि प्रत्याशियों को भीड़ ने दौड़ा लिया। सरकार समर्थक चैनल तक अखिलेश यादव का इंटरव्यू भावी मुख्यमंत्री समझते हुए ले रहे थे। यहाँ तक सूचनायें आ रही थीं कि अखिलेश और मुलायम सिंह के लखनऊ स्थित बँगलों का रंगरोगन अधिकारी भविष्य के अनुमान से करने लगे थे।
पूरे परिदृश्य में कौन सा दल उभर कर सामने आया, वह है आम आदमी पार्टी जिससे भाजपा को फिलहाल कोई खतरा नहीं है और इसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल अपने भाषणों में भूलकर भी मोदीजी की आलोचना नहीं करते। तो इतनी विषम और विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा को न केवल विजय प्राप्त हुई बल्कि सभी विपक्षी क्षत-विक्षत पड़े हैं। परिणामों में न किसान आन्दोलन का प्रभाव दिखा, न मँहगाई बेरोजगारी मुद्दा बने और तो और मंत्री पुत्र द्वारा सरे आम किसानों को रौंदना भी जनता ने खुशी से स्वीकार कर लिया। इसी के साथ उन्हें भी सबक मिल गया जिन्होंने सत्तादल को चुनावों से ठीक पहले झटका दिया था। इन सब तथ्यों के बावजूद हमारे मोदीजी ने भाजपा को न केवल उबार लिया बल्कि पहले से भी सशक्त बना दिया है तो निश्चित रूप से यह किसी मनुष्य के वश की बात नहीं, इस असंभव को कोई अवतार ही संभव बना सकता है, यह पी एम मोदी का चमत्कारी व्यक्तित्व ही लगता है।
अभिलाष शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार
9826611505