अब नाइट हाल्ट की सुविधा भी उपलब्ध होगी पातालपानी में
म.प्र. पर्यटन विभाग बनवा रहा साढ़े चार करोड़ की लागत से काटेज
इंदौर। मध्यप्रदेश में, विशेषकर मालवा-निमाड़ में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए म.प्र. पर्यटन विभाग द्वारा अब पातालपानी में नाइट हाल्ट की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत यहां न केवल आधा दर्जन काटेज बनाए जाएंगे, बल्कि अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि महानगर के समीप इंदौर-खंडवा मीटर गेज लाइन पर ऐतिहासिक, पर्यावरण एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पातालपानी-कालाकुंड सेक्शन का अपना अलग ही महत्व है। बरसात शुरु होने के साथ ही जून से लगाकर फरवरी-मार्च में वासंती बयार छाने तक यहां मौसम बेहद ही सुहाना रहता है। इस वजह से यहां पूरे साल ही प्रकृति एवं पर्यावरण प्रेमियों का मेला लगा रहता है। प्रदेश ही नहीं देश-विदेश के पर्यटक भी यहां कुदरत के करिश्मे से दो चार होने का आनंद उठाने के लिए जुटते रहते हैं।
म.प्र. की एकमात्र हेरीटेज ट्रेन चलती है यहां पर…
पातालपानी-कालाकुंड मध्यप्रदेश में एक ऐसा अनोखा पर्यटन केंद्र हैं, जहां रेलवे प्रशासन द्वारा राज्य की एकमात्र हेरिटेज ट्रेन का संचालन किया जाता है। पहले यह ट्रेन प्रतिदिन महानगर इंदौर के उपनगर महू से सुबह रवाना होकर शाम को पुन: महू पहुंचती थी। सामान्य कोच में इसका किराया मात्र ४० रुपए है। बावजूद इसके, कोरोना महामारी का कहर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ा। लाकडाउन और पर्यटकों की घटती संख्या को देखते हुए हाल फिलहाल अब यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन चल रही है।
ऐतिहासिक महत्व है पातालपानी का
यह देश के उन गिने-चुने रेलवे स्टेशनों में से एक है, जहां पर स्टेशन परिसर में ही महान क्रांतिकारी, आदिवासियों के भगवान और राष्ट्रगौरव टंट्या भील मामा का मंदिर है। कहा जाता है कि टंट्या भील के पास अपार जादुई शक्तियां थी। उसके हाथ के इशारे पर ट्रेन भी रुक जाती थी। रेल के पहिए पटरी पर अपनी जगह घूमते रहते थे, लेकिन ट्रेन अपनी जगह से हिलती तक नहीं थी। छापामार युद्ध में टंट्या मामा इतने निष्णांत थे कि अंग्रेज फौज भी उनके नाम से कांपती थी।
आकर्षक उद्यान के साथ किया जा रहा मंदिर का निर्माण
पातालपानी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसका अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। इसलिए म.प्र. पर्यटन विभाग इसको विकास हेतु निरंतर प्रयासरत है। चूंकि, यहां पर्यटकों के रात्रि विश्राम हेतु कोई इंतजाम नहीं है, इसलिए अब पर्यटन विभाग यहां आधा दर्जन काटेज का निर्माण करने जा रहा है, ताकि पर्यटक यही रात्रि विश्राम कर सकें। इसके अलावा यहां कैफेटेरिया, टंट्या मामा के मंदिर के साथ ही आकर्षक एवं नयनाभिराम उद्यान को विकसित करने की योजना भी है।
एडवेंचर संस्था को सौंपी है विकास की अहम जिम्मेदारी
एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा पातालपानी पर्यटन केंद्र को विकसित करने की दृष्टि से पहले यहां सर्वे कराया गया। पश्चात इसके विकास को लेकर एक प्रस्ताव भोपाल भेजा गया। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद टैंडर जारी कर यहां के विकास हेतु एडवेंचर संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब यह संस्था लगभग साढ़े चार करोड़ की लागत से पातालपानी में विकास कार्यों को अंजाम देगी।