Sulemani Chai – अच्छी शुरुआत, नौशाद अवार्ड…बीजेपी के मोर्चे में मोच…सिहंसा बना सिंहासन
अच्छी शुरुआत, नौशाद अवार्ड
पिछले दिनों इंदौर अभिनव कला समाज के हाल में लारजते होठों को बेबाकी से अपनी राय रखने सलीका सिखाने की नियत से बच्चों का डिबेट कॉम्पीटिशन किया गया। मोजूद था सोशल मिडिया के फायदे और नुकसान,जिसमे लगभग सभी बच्चे बेहतर बोले, जो ना बोल सके उन्होंने दुनिया के सामने खडे रहकर दुनिया की आँखों में देखा, खुद को मजलूमियत की गिरफ्त से बाहर निकालने के इस पहले कदम के लिए उन्हें मुबारकबात, बच्चो की हौसला अफज़़ाई में ऐसे काम होते रहना आज हमारी सबसे बड़ी जरूरत है। बच्चों को काबिल बनाना उन्हें जमाने की आँखों में ऑंखें डाल कर बात करना सीखाना बड़ी बात है , इस अवार्ड में बहुत से लोगों की बेलोच मेहनत थी जो रंग लाई, जिसके लिए नौशाद फाउंडेशन और सभी साथियों को इस बार का सुलेमानी सलाम।।
बीजेपी के मोर्चे में मोच
भारतीय जनता पार्टी में इस बार मोर्चे कमजोर साबित हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष आपने नीचे ही कर्रावाही नही कर पा रहे है। हा सात दिन का अल्टीमेटम जरूर दिया था लेकिन उसकी भोंगली कहा घुसी पता नही चला, इसके पहले भी रफत साहब ने भी ऐसा ही सात दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन उस वक्त भी रफत की रफ़्तार को एक महंगे फोन की घंटी ने कमजोर कर दिया था, अब एजाज़ के वकार को क्या बात कमजोर कर रही है, ये तो वो ही जाने,लेकिन कुछ भी हो शाह साहब कुछ ना कुछ तिकडम लगा ही लेते है, वो तिकडम क्या है, वो ही बेहतर जानते है, की हर बार सात दिन के अल्टीमेटम की भोंगली कहा घुस जाती है।
सिहंसा बना सिंहासन
जमीनों के दाम बढऩा और नियतो का खराब होना अब आम बात हो गई है, जिसमे रहम दिल भी शिकार हो जाते है, हाल ही में सिहासा की करोड़ों की जमीन पर कुछ लोगो की ऑंखें लाल हो रही है। आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है,अब आगे क्या होता है, किसका दाँव किस पर भारी रहेगा, और जमीनी जादूगरी में शेरी के शेर चलते है या रहीम की रहम दिली ये तो वक्त ही बताएगा ।
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