राजधानी के गलियारों से…

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गडकरी की चाय

द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सिर्फ खरा खरा बोलने के ही आदी नहीं। गडकरी का एक और शौक है दिल खोलकर खाने खिलाने के शौकीन हैं। कई बार आधी रात को भी फरमाईश कर बैठते हैं। अब भोपाल आए तो गडकरी के स्टॉफ ने आवभगत करने वालों को कह दिया कि भोपाल के प्रसिद्ध राजू टी स्टाल की चाय पियेंगे। गडकरी के लिए चाय बुलवाई गयी।

चीफ सेक्रेटरी की महिमा

मजमा जमाया किसी और ने महफि़ल लूट ले गया कोई और। हाल ही में भोपाल में आयोजित इंडियन रोड़ कान्फ्रेंस में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। बैलोस बेखौफ अंदाज में अपनी बात कहने वाले गड़करी को राजनेताओं ने भरपूर प्रभावित करने की कोशिश की। गडकरी अलग माटी के बने हैं अपने अंदाज में नये नये बने मुख्य सचिव अनुराग जैन की अप्रत्यक्ष तौर पर तारीफ कर गए। अनुराग जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान गडकरी के विभाग में रह चुके हैं।

जिलाबदर पर ताकत

भोपाल इंदौर मार्ग पर बसे जिला मुख्यालय पर सत्तापक्ष के तमाम नेता जी जान से भिड़े हुए हैं। पुलिस ने एक नेता का जिलाबदर का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज रखा है। कलेक्टर साहब निर्णय नहीं ले पा रहे। मुख्यमंत्री के नजदीकी से लेकर सांसद, विधायक, मंत्री सहित पार्टी के कई पदाधिकारी जिलाबदर को रोकने लामबंद हैं।

सुलेमानी इच्छा

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव बनते बनते रह गए मोहम्मद सुलेमान की एक इच्छा परिवहन विभाग को परेशान कर गई है। मुख्य सचिव की रेस से बाहर करने सुलेमान को चर्चित व्यापम कांड वाले प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। हाल ही में बोर्ड ने अध्यक्ष के लिए एक चमचमाती नई कार खरीदी है। सुलेमानी इच्छा है कि वाहन का नम्बर एम पी 02 सीरिज का दिया जाए। यह सीरिज सिर्फ मंत्रालय और संचालनालय के वाहनों के लिए आरक्षित हैं। निगम, मंडल, बोर्ड के लिए सामान्य सीरिज के नंबर ही आवंटित किए जाते हैं। अगर सुलेमान की इच्छा पूर्ण हुई तो बाकी निगम मंडल और बोर्ड भी अपनी यही इच्छा जता देंगें जो परेशानी का सबब बन सकती है।

मंत्राणी की सुलह

हाल ही में राजधानी की एक होटल में एक महिला पार्षद और एक मंडल अध्यक्ष रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ में आ गए। मजेदार बात यह रही कि रंगेहाथ पकडऩे वालों में दोनों के परिवारजन ही प्रमुख तौर पर छापेमारी में शामिल रहे। विवाद बढ़ता देख महिला मंत्री कूद पड़ी और दोनों परिवारों में सुलह कराई। सुलह की वजह महिला पार्षद और मंडल अध्यक्ष का मंत्राणी जी के निर्वाचन क्षेत्र से होना रहा।

मधुर रिश्ते

कभी मध्यप्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के बीच तनातनी का वातावरण बना रहता था। जिसके चर्चे मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में गूंजते रहते थे। वजह कलेक्टर का कैडर बैस सीनियर होना और एस पी का जूनियर होना रहता था, जिसके चलते कलेक्टर अपनी वरिष्ठता दिखाने के चक्कर में एस पी के अहम को चोट पहुचाते रहते थे। अब हालात बदल रहे हैं। एक जिले के कलेक्टर तो बाकायदा सार्वजनिक तौर पर एस पी को भाई कहकर पुकारते भी रहे और रिश्ते निभाते रहे। संयोग से एस पी एक साल सीनियर हैं। जोड़ी ज्यादा लंबी चल नहीं पाई। हाल ही में एस पी को बड़े जिले की कमान सौंप दी गई।

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