Sulemani Chai – आई के सोसायटी और हव्वा….दो नंबर काजी ने कन्नी कटी
आई के सोसायटी और हव्वा
प्रदेश की सबसे बड़ी मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी इस्लामिया करिमिया मे पिछला हफ्ता गहमा गहमी भरा रहा, हूवा यु की तिमाही के पर्चे मे कुछ बच्चो को फीस की वजह से अलग बैठाया गया और पर्चा भी नही लिए गया, इसकी जनकारी ज़ब बड़वाली चौकी के व्यपारी जमात के सदर राजिक बाबा को लगी तो उन्होंने कमेटी से बात की और फिर हलीम साहब से भी बात की रिकाडिंग शोशल मिडिया पर तेजी के साथ गर्दीश करती रही, कमेटी ने बाबा को बुलाया और रिकॉड दिखाया की पिछली कमेटी के मुकाबले अब ज्यादा फीस माफ़ हुई है, पिछले सालो मे जहाँ बीस से तीस लाख फीस माफ़ होती थी वही अबकी बार यह फिगर साठ लाख तक पहुंच चूका है और अभी भी जारी है, सख्ती जरूरी है लेकिन खिदमत जारी है, जिसके बाद बाबा भी राजी हुए और समाज मे भी आई के नई कमेटी की तारीफ हुई, ये सब तो ठीक है लेकिन सात लोगो की कोर कमेटी मे दो सगे कम पढ़े लिखे भाइयो का होना दूसरा सभी कामों का ठेको पर उसी एक आदमी का कब्जा ठीक नही,बाकी कब्जे मे तो साहब माहिर है। जो कही ना कही गलत है, अब मुल्तानी परिवार को की इसमें सुधार होना चाहिए या नही ।।।
दो नंबर काजी ने कन्नी कटी
वक्फ मामलो को लेकर जहाँ एक नंबर काजी फोटू शोटू के साथ कलेक्टर हो आए बाद मेें दबाव आने पर सुम खेज गए। वही दो नंबर काजी तो आपने सबसे बड़े खैर खवह का नाम आने के बाद मुँह मे दही जमा कर बैठ गए, क्या ये काजी साहब की शान के मुताबिक सही है, तो साहब दोनों काजी कही ना वक्फ के मामलों मे खमोशी मे बेहतरी समझ रहे है, अब फैसला मिल्लत को करना है, की अपने काजी मे क्या खूबी होनी चाहिए। या मिल्लत को तीसरे रेहबार को तलाशना चाहिए।
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वार्ड 83 के चुनाव मे कांग्रेस गायब
वार्ड 83 मे एक बार फिर भाजपा कोई ही काबिज़ होना था।अल्पसंख्यक वोट अच्छे खासे होने के बावजूद भी मुस्लिम कांग्रेस नेताओं ने वहा अपना पसीना बहाना ठीक नही समझा और लगभग सभी अल्पसंख्यक के कड़क कुर्ते गायब रहे , बस रमीज खान दूर से आकर अपनी नाकाम कोशिश कर अपनी गाड़ी से ख़ामोशी के साथ वोटरों से वोट डलवा रहे थे,इसका बदला क्या मिलेगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन उन्होंने कांग्रेस के सच्चे सिपाही होने का हक तो निभाया है।