अधिकारियों के आदेश जूते की नोंक पर रखते हैं थाना प्रभारी
इंदौर। शहर में पदस्थ थाना प्रभारी इतने निरंकुश हो गए हैं कि वे अपने बड़े अधिकारियों के आदेश को जूते की नोंक पर रखते हैं। चाहे मामला सीए के बंधक बनाने का हो या मेडिकेप्स कॉलेज की छात्रा के साथ छेड़छाड़ का हो। दोनों मामलों में पुलिस ने मनमानी की। परिणाम यह हुआ कि दोनों मामलों में केस दर्ज करने के आदेश वरिष्ठ अधिकारियों को देना पड़े। ऐसा पहली बार नहीं, बल्कि कई सालों से हो रहा है। ताजा मामला इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र का है। यहां बड़े उद्योगपतियों में शुमार संजय जैसवानी ने सीए निशिथ नाहर को अपने बंगले पर बंधक बनाकर रखा था। इस मामले में विजयनगर थाना प्रभारी सीबी सिंह ने सीए को घंटों थाने में बैठाए रखा, जबकि वह फरियादी था। इसके उलट, जैसवानी से समझौता करने को लेकर भी टीआई ने हस्तक्षेप किया।
सीए एसोसिएशन को भी विजयनगर पुलिस ने गफलत में रखा। घंटों एसोसिएशन के सैकड़ों सदस्य थाने पर डटे रहे, बाद में उन्हें कहा गया कि मामला लसूडिय़ा थाना क्षेत्र का है, वहां जाकर केस दर्ज कराएं। करीब छह घंटे बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। केमको च्यूव फूड्स प्रालि. के मालिक संजय जैसवानी की कारखाना और घर लसूडिय़ा थाना क्षेत्र में है। जैसवानी के संबंध भोपाल में पदस्थ अधिकारियों के साथ ही प्रदेश के कुछ मंत्रियों से भी है। अधिकारियों, मंत्रियों का दबाव के कारण पुलिस और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता। यही कारण है कि जैसवानी अपने कर्मचारियों के साथ मनमानी करता है।
इंदौर के साथ ही उसकी असम में भी कनफेक्शनरी की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री का जिम्मा शहर का सजायाफ्ता गुंडा संभाल रहा है। जैसवानी ने आईपीओ(पब्लिक इश्यू) लाने की भी योजना पर काम कर रहा था। उस पर मुंबई में 55 करोड़ और इंदौर में 200 से 250 करोड़ रुपए की देनदारी है। आरोपी जैसवानी के बेटे ने कोरोना संक्रमण के दौरान तेज गति से कार चलाई थी, जिससे हादसे हुए थे, लेकिन तब भी विजयनगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। पीडि़त लोग मुकदमा दर्ज कराने थाने गए थे तो उन्हें फटकार लगाकर उलटे पैर लौटा दिया गया था।
ज्ञापन के बाद टीआई ने बुलाया
उधर, विजयनगर थाने में सुनवाई नहीं होने से नाराज सीए एसोसिएशन से सदस्यों ने जोन 2 के पुलिस उपायुक्त अभिनय विश्वकर्मा को ज्ञापन दिया। उपायुक्त ने मामला समझने के बाद लसूडिय़ा टीआई को आदेश दिया कि मामले में जैसवानी पर केस दर्ज किया जाए। इसके बाद सदस्य रात 9 बजे लसूडिय़ा थाने पहुंचा। यहां पुुिलस ने जैसवानी पर धारा 127(2), धारा 115(2), धारा 351(2) तथा धारा 3(5) में मारपीट और बंधक बनाने का केस दर्ज किया है।
आज जमानत करवा सकता है आरोपी
पुलिस के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि लसूडिय़ा पुलिस ने जैसवानी और उसके साथी जय माथे पर जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, उनमें 10 साल से कम की सजा मिलती है। ऐसे में यह संभव है कि आज जैसवानी को थाने से जमानत दी जा सकती है। जमानत मिलने से जैसवानी के हौसले फिर बुलंद हो जाएंगे।
आधे घंटे तक करते रहे हंगामा
राऊ-खलघाट टोल नाका के समीप मेडिकेप्स कॉलेज की छात्रा, उसके भाई और दोस्तों के साथ सहपाठी छात्रों ने जमकर मारपीट की थी। आरोपी छात्र आधे घंटे तक कालेज के अंदर और बाहर हंगामा करते रहे। हंगामा, मारपीट और फरियादी छात्रा के भाई की कार में तोडफ़ोड़ का वीडियो भी वायरल हो गया, लेकिन किशनगंज पुलिस को जानकारी नहीं लग पाई। जबकि, कालेज से किशनगंज थाने की दूरी मात्र एक किलोमीटर है। कई राहगीरों ने मारपीट की सूचना थाने पर दी, लेकिन पुलिस आधे घंटे तक नहीं पहुंची। जब मामला पुलिस अधीक्षक हितिका वासल के पास पहुंचा तो उन्होंने पुलिस को मौके पर रवाना किया, तब तक कालेज में हंगामा मचने से पढ़ाई भी प्रभावित हुई।
भोपाल से पदस्थ, इसलिए डर नहीं
शहर और गांव के थानों में पदस्थ अधिकांश थाना प्रभारियों की नियुक्ति सीधे भोपाल से हुई है। इसलिए वे यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभाग प्रमुख को कुछ नहीं समझते। थानों में बेखौफ होकर काम करते हैं। सूत्रों की मानें तो किसी जनप्रतिनिधि में दम नहीं कि वह किसी भी टीआई को स्थानांतरित करा सके। जबकि, कुछ साल पहले पुलिस अधिकारी संतोष गौर के समय टीआई और अन्य अधिकारियों में इतना भय था कि वे रात में ठीक से सो नहीं पाते थे।
दो शराब माफिया भी पार्टनर
जैसवानी की फैक्ट्री में प्रदेश के मंत्री ही नहीं, बल्कि दो बड़े शराब माफिया पिंटू छाबड़ा और आर.पी सिंह भी पार्टनर है। दोनों पर पुलिस केस दर्ज हो चुके हैं। आरोपी पर पांच साल पहले भी विजयनगर में उसके कर्मचारी ने केस दर्ज कराया था, तब भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई नहीं की। पुलिस को जेब में रखने का दंभ भरने वाला आरोपी जैसवानी थाने में भी मारपीट करता है। पूर्व में उसने अपने कर्मचारी को थाने की हवालात से बाहर निकालकर पुलिस जवानों के साथ मारपीट की थी।
गबन में फंसाने का बनाते रहे दबाव
जब सीए एसोसिएशन के सैकड़ों सदस्य जैसवानी की शिकायत करने विजय नगर थाने पहुंचे तो उनके साथ उपनिरीक्षक भदौरिया ने अभद्रता की। इस दौरान थाने पर टीआई भी मौजूद थे। कुछ सदस्यों ने टीआई ने पहले तो बात करने से इनकार किया, बाद में सदस्य उग्र हुए और पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता से बात करने को कहा तो टीआई ने उनकी बात सुनी। इस दौरान टीआई फरियादी सीए को कहते रहे कि समझौता नहीं किया तो गबन के केस में फंस जाओगे।