खजराना दरगाह की दो हजार करोड़ की सम्पत्ति जिम्मेदारों ने की खुर्द-बुर्द
वक्फ की पचास बीघा जमीन कागजों पर सिमटी
इंदौर (मेहबूब कुरैशी)। हाल ही में वक्फ की निपानिया स्थित खजराना नाहर शाह वली की सौ करोड़ की भूमि छुड़ाकर वक्फ बोर्ड अपनी पीठ थपथापा रहा है। इसके साथ अगर शहरभर की जमीनें छोड़ खजराना की पचास बीघा जमीन ही छुड़ा ली जाए तो वक्फ के खजाने में इतना पैसा आ जाएगा की कई जरूरतमंदों की मदद की जा सकेगी। खजराना दरगाह की देखरेख और परिवार पालने बादशाह, राजा और नवाबों ने यह जमीन दान में दी थी। इस भूमि को जिस नेक कार्य के लिए दी थी, उसका वही इस्तेमाल होना चाहिए लेकिन समय-समय पर शाह समाज ने ये जमीन बेच दी।
वर्ष 1986 के गजट अनुसार मस्जिद दरगाह और इनके लिए मिली भूमि वक्फ सम्पत्ति कहलाई और शाह समाज ने कब्जे नहीं छोड़े और जमीनों के ओने-पौने दामों पर बेच दिया। जमीन पर कालोनी बना दी। फिलहाल जमीन वक्फ की मिल्कीयत है और उसकी खरीदी फरोख्त न हो इसलिए कलेक्टर उसके व्यवस्थापक हैं। अबकी बार खजराना दरगाह के उन पचास बीघा खसरों पर काम करना आसान हैं, क्योंकि प्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल के भानजे ही नाहर शाह वली की कमान संभाल रहे हैं, जिस कारण इन्दौरी नेताओं के दबाव का भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा और फिलहाल सनवर पटेल खुद ही वक्फ जमीनों को बचाने का काम कर रहे हैं। indore khajrana
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जिसे मिली जिम्मेदारी, उसी ने किया दगा-खजराना दरगाह में लगभग पचास बीघा जमीन जिसकी कीमत आज लगभग दो हजार करोड़ है। खसरा कनाडिय़ा थाने के पास की भूमि इस्लामिया कॉलेज के पास की जमीन जस गार्डन एडवांस अकेडमी, न्याय नगर के पास की भूमि के साथ ही खजराने दरगाह के आसपास के भी कई खसरे मौजूद है, जिन पर वक्फ के ही जिम्मेदारों ने ही ओने पौने दाम लेकर कब्जे करा दिए। अब अगर दरगाह मौजूदा सदर और बोर्ड के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं तो शहरभर के समाजसेवी और वक्फ के एक खसरा बचाने पर अपनी पीठ थपथपा कर खामोश बैठ जाने वाले वक्फ जिला अध्यक्ष को शहर हमेशा एक ईमानदार और जिम्मेदार वक्फ नुमाइंदे के रूप में दुआएं देता रहेगा।
नेताओं और रसूखदारों के बंगले और मकान
उन खसरों पर बड़े-बड़े नेता और रसूखदारों की बंगले बने हैं। कब्जाधारियों ने आपने हिसाब से जमीनें बेच दी है। गरीब लोगों ने सस्ते आशियाने के चक्कर में अपनी जीवनभर की कमाई इन दलालों को दी। बदले में इन्होंने जमीन के सौदे कर डाले। आज अगर इन सम्पत्तियों की जांच की जाए तो खजराने के साथ-साथ शहर के भी बड़े नाम इस फेहरिस्त में आ जाएंगे। bhumafia indore