5 से 7 हजार तक आयेगा संपत्तिकर अब झोन के हिसाब से ज्यादा

शहरी सीमा में शामिल महंगी टाउनशिप पर संपत्तिकर बढ़ाने का सुझाव भी दिया

इंदौर। कल नगर निगम द्वारा पेश किए जा रहे हैं बजट में जहां संपत्तिकर और जलकर बढ़ाने के प्रस्ताव रखे गये हैं। वहीं आवासीय ईकाईयों में दो से तीन रुपये तो व्यवसायिक इकाइयों में चार से सात रुपये तक की वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इधर इस मामले में नगर निगम को समझने वाले पूर्व पार्षद के अलावा पूर्व अधिकारियों ने भी सुझाव दिये हैं। इससे जहां शहर के मध्यक्षेत्र के छोटे भूखंडधारियों पर टैक्स का बोझ नहीं बढ़ेगा वहीं नगर निगम को नगर निगम सीमा में ही बनी बड़ी टाउनशिप में बड़े बंगलों से अच्छा खासा टैक्स प्राप्त हो सकेगा।

इस मामले में जो प्रस्ताव बताये जा रहे हैं उसमे बिचौली हप्सी और बिचौली मर्दाना में बड़े बड़े भूखंड के साथ बनाई गई टाउनशिप में टैक्स बढ़ाकर अपनी आय को बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण के लिए संपत्त फार्म से लेकर संपत्त एवेन्यु, संपतहिल के अलावा ओमेक्स टाउनशिप, अपोलो सीटी, डीबीमाल जहां पर १० से १५ करोड़ तक के फ्लैट और भूखंड बेचे गये हैं। इसी तरह विनय नगर में भी मकानों की कीमत छह से सात करोड़ रुपये से कम नहीं है। इन सभी से झोन-१ के हिसाब टैक्स वसूला जाना चाहिए दूसरी ओर स्मार्ट सिटी के तहत पहले ही शहर के मध्यक्षेत्र में काफी नुकसान रहवासी उठा चुके हैं और उनपर पहले से ही करों का बोझ बना हुआ है। इधर दूसरी ओर भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष रहे विशाल शर्मा ने भी इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना १०३, १४०, ११४, १३६ के अलावा योजना क्रमांक ५४ और ७८ के बड़े भूखंडों पर संपत्तिकर बढ़ाने का सुझाव दिया है। nagar nigam

यहां बड़ी तादाद में व्यवसायिक उपयोग भी भूखंडों का हो रहा है। इधर दूसरी ओर शहर के कोचिंग संस्थानों के अलावा दिल्ली पब्लिक स्कूल, प्रेस्टिज महाविद्यालय, गुजराती, कॉलेज, सिक्का स्कूल यह भी नाममात्र का टैक्स जमा कर रहे हैं जबकि फीस के नाम पर भारी वसूली की जा रही है। इसके अलावा बिजलपुर स्थित मुसाकिन कॉलोनी में दस हजार वर्गफीट से बड़े भूखंड पर बंगले बने हुए है इन्हें भी टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए।  nagar nigam

इस समय शहर में २०० से अधिक शोरुम और कंपनियां बड़े पैमाने पर काम कर रही है पर नगर निगम को कोई टैक्स नहीं दे रही है ऐसे में इन्हें भी टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को नगर निगम के टैक्स से राहत मिल सकती है।

इधर टैक्स में 70 कॉलोनियां मध्यमवर्गीय से संपन्नता वाले जोन दो में शिफ्ट करने की तैयारी है। 15 साल बाद निगम संपत्ति कर बढ़ाने जा रहा है। निगम ने रेट जोन के एरिया पर खासा मंथन किया है। इसमें 105 कॉलोनियों को चिन्हित किया गया, जो अपने स्तर से कम का संपत्ति कर चुका रही हैं। उनके जोन को बदला जा रहा है। इससे निगम की कमाई बढ़ जाएगी।

ऐसे जोड़ें अपना संपत्ति कर

1000 वर्गफीट के निर्माण पर जोन 1 में 30 हजार, जोन 2 में 26 हजार, जोन 3 में 21 हजार, जोन 4 में 18 हजार व जोन 5 में 16 हजार संपत्ति कर लेते हैं। 70 कॉलोनियां जोन 3 से जोन 2 में शिफ्ट होंगी। इन्हें 5 हजार ज्यादा संपत्ति कर देना होगा। यह दर पुरानी है। इसमें दो रुपए की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। ऐसा हुआ तो 7000 का अंतर आ जाएगा।

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