प्रोजेक्ट में बदलाव का निर्णय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लेंगे
मेट्रो की फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट पेश, डीपीआर का काम भी शुरू
इंदौर। स्मार्ट सिटी के बहुप्रतीक्षित मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट का काम द्रुतगति से चल रहा है। आने वाले कुछ सालों में प्रोजेक्ट पूरा होते ही शहरवासियों की इसकी सौगात मिल जाएगी। प्रोजेक्ट में बदलाव को लेकर लंबे समय से कवायद चल रही थी। बदलाव होगा या नहीं, इसका निर्णय नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लेंगे। इस संबंध में मेट्रो कंपनी ने फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है।
मेट्रो रेल कंपनी के अधिकारियों ने शहर के प्रबुद्धजनों और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर पूरे प्रोजेक्ट का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, प्रोजेक्ट को लेकर किन बदलावों की अनुशंसा की गई अथवा बदलाव में क्या-क्या परेशानियां आने वाली है, उसके संबंध में जानकारी देने से कंपनी के अधिकारी बच रहे हैं। Minister Kailash Vijayvargiya
उम्मीद है अगले सप्ताह तक मंत्री विजयवर्गीय फैसला लेने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सकते हैं। प्रोजेक्ट के वर्तमान रुट, जिसमें पलासिया, रीगल चौराहा, कोठारी मार्केट, राजबाड़ा, खजूरी बाजार, छोटा गणपति, टोरी कार्नर, बड़ा गणपति शामिल है। इस क्षेत्र को प्लानिंग से हटाने की एमजी रोड व्यापारी एसोसिएशन ने दोबारा मांग उठाई है। एसोसिएशन ने इसे अव्यवहारिक और शहरहित के खिलाफ बताया। उधर, इंदौर-उज्जैन वंदे मेट्रो प्रोजेक्ट पर भी कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया है। फिलहाल प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने की शुरुआत हुई।
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17 जून को दिए थे आदेश
मेट्रो रुट को लेकर गत 17 जून को मंत्री विजयवर्गीय ने कहा था कि प्रोजेक्ट से जनप्रतिनिधि और नागरिक खुश नहीं हैं। इसका फिजिबिलिटी सर्वे किया जाए। सर्वे के दौरान प्रोजेक्ट का काम निरंतर जारी रहा। मेट्रो का फुल स्पीड ट्रायल रन भी हो गया है, जिसमें छह किलोमीटर के प्रायोरिटी कारीडोर में 90 की स्पीड से मेट्रो को दौड़ाया गया था। Minister Kailash Vijayvargiya
अब तक इतना काम
प्रोजेक्ट की मौजूदा प्लानिंग के तहत गांधीनगर से बंगाली चौराहा तक एलिवेटेड ट्रेक का काम चल रहा है। अभी रिंगरोड पर काम शुरू नहीं हुआ है। यहां से मेट्रो को शहर के मध्य प्रवेश की प्लांिनंग है। बंगाली चौराहे से हाईकोर्ट तक 6 किमी. तक एलिवेटेड ट्रेक के लिए टेंडर प्रक्रिया भी हो चुकी है। यह कारीडोर एमजी रोड, हाईकोर्ट से शुरू होकर राजबाड़ा, बड़ा गणपति से रामचंद्र नगर, बीएसएफ होते हुए एयरपोर्ट तक जमीन के अंदर तैयार किया जाएगा।