गुस्ताखी माफ़ – पूरा चुनाव अब नोटा लालवानी और जादूगरों में उलझा…14 लाख की घड़ी अब नया ठिकाना कहां…
मोदी की ग्यारंटी भी उठाने को तैयार नहीं...नोटा के लिए नोट नहीं जुड़ रहे...
पूरा चुनाव अब नोटा लालवानी और जादूगरों में उलझा…
महाभारत के बीच जब दुर्योधन और मामा शकुनी के बीच पांसो को लेकर खीचतान होने के बाद दुर्योधन ने कहा मामा तुम भी खोटे हो और तुम्हारे पासे भी खोटे है। इस पर शकुनी ने कहा पासे खोटे नहीं होते भांजे समय का इंतेजार करों यहीं पासे होंगे और यहीं चोपड़ होगी। समय बदल गया पासे बदल गए और चोपड़ बदल गई और जब खराब समय हो तो कहा जाता है कि हाथी के उपर बैठे आदमी को भी कुत्ता काट लेता है।
या फिर हवन करने में भी कभी-कभी हाथ जल जाते है। कुछ ऐसा ही मामला लोकसभा के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षयबम को भाजपा में लाने को लेकर हो गया है। हवन में बैठे बिठाए आरके स्टुडियों के हाथ जल गए है। जस तो मिला नहीं और पाप अपने माथे अलग आ गया। गांवभर में सफाई अलग देनी पड़ रही है। इधर भाजपा के कई दिग्गज नेता अक्षय बम के भाजपा में शामिल होने के मामले को हजम नहीं कर पा रहे है। उनकी समझ में यह नहीं आ रहा है कि जब अच्छी खासी जीत कांग्रेस को हराकर हासिल हो सकती थी तो फिर यह रामायण क्यों रची गई।
इधर ताई के बयानों ने और जलती आग में घी डालने का काम किया है। खुद दादा दयालु सफाई दे रहे है। इधर शंकर लालवानी के करीबी भी मान रहे है कि इस नोटंकी की कोई जरुरत नहीं थी यदि लालवानी अक्षय बम को हराकर लोकसभा जाते तो एक नया रिकार्ड कायम होता, परंतु अब यह रिकार्ड उनके और नोटा के बीच ही रहेगा। दूसरी और माना जा रहा है कि नोटा का रिकार्ड भी इंदौर में अगले कई चुनाव तक कायम रहेगा। इधर वे भाजपा में जाकर भी भाजपाई नहीं हो पा रहे है। अभी तक उन्हें सदस्यता नहीं दी गई है और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जब इंदौर आए तो कोशिश के बाद भी उनका कृष्ण मुख देखने के लिए तैयार नहीं हुए। इस पूरे खेल में कहानियां और भी है पर वह समय के साथ ही सामने आएगी।
14 लाख की घड़ी अब नया ठिकाना कहां…
कांग्रेस से उम्मीदवार बने अक्षय बम अब पुरी तरह भाजपायी भले ही हो चुके हो पर उनसे ज्यादा उनकी घड़ी की चर्चा पूरे शहर में हो गई है। उन्होंने अपने चुनावी जानकारी में भी इस घड़ी का जिक्र किया था और जब वे भाजपा में गए तो उस वक्त भी उन्होंने कहा कि उन्हें क्या कोई पैसे देगा। 14 लाख की घड़ी पहनते है। अब जब इन घडिय़ों के बारे में शहर के घड़ी से जुड़़े बड़े कारोबारियों से बात की तो उन्होंने कहा यह इंदौर है। 14 लाख की एक घड़ी नहीं है शहर में ऐसी घड़ी पहनने वालों की संख्या 400 से ज्यादा होगी। अब तो और महंगी घडिय़ा भी आ रही है।
उनके लिए 14 लाख की घड़ी बड़ी बात हो सकती है वो तो अण्डविरयर भी दिव्या की पहनते होंगे। अब तो सवाल ये उठ रहा है कि 14 लाख की घड़ी आने वाले समय में उनके हाथ में ही दिखेगी या किसी और के हाथ में भी दिख सकती है। इसका ध्यान तो उन्हें ही रखना होगा।
मोदी की ग्यारंटी भी उठाने को तैयार नहीं…
इंदौर लोकसभा का चुनाव अभ कितना निरस हो गया है कि भारती जनता पार्टी द्वारा प्रचार के लिए भेजी गई सामग्री का भी कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस मामले में कोर कमेटी की बैठक में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता सवाल उठा चुके है कि केंद्र द्वारा भेजी गई चुनावी सामग्री में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्यारंटी से संबंधित प्रचार सामग्री भी है वहीं बड़ी तादाद में प्रधानमंत्री की आगे की योजनाओं भी जिक्र है परंतु अब चुनाव की गति देखते हुए नहीं लगता कि इस सामग्री का कोई उपयोग हो पाएगा क्योंकि चुनाव प्रचार के लिए मात्र 2 दिन ही शेष बचे है।
नोटा के लिए नोट नहीं जुड़ रहे…
अब कांग्रेस और भाजपा के बीच नोटा पर मतदान को लेकर जहां अच्छी खासी रार शुरु हो गई है इधर दो दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस नेताओं की बैठक में कहा कि जो लोग कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़े थे वे अपनी अपनी विधानसभा में नोटा के प्रचार पर आने वाले खर्च को वहन करें। अब भिया को कौन समझाये और बताये कि तीन विधानसभा के हारे हुए नेता तो भाजपा में चले गये हैं और वे ही सारा खर्च उठा सकते थे परंतु अब इन क्षेत्रों में कौन उठायेगा खर्च यह भी बड़ा रोना है। अब तो सबकी नजरें इस पर टीक गई है कि नोटा पर कांग्रेस कितना मतदान बिना किसी प्रचार के करवा सकती है।