सावधान-होशियार-खबरदार, लाशें समेटने के लिए रहें तैयार

जल्द नहीं किया जर्जर बिल्डिंगों को जमींदोज तो सैकड़ों जिंदगियां समा जाएंगी मौत के आगोश में

dilapidated buildings in indore
dilapidated buildings in indore

इंदौर। सावधान- होशियार-खबरदार… लाशें समेटने के लिए रहें तैयार। जल्द ही नहीं किया गया जमींदोज तो सैकड़ों जिंदगियां समा जाएंगी मौत के आगोश। जी हां, हाउसिंग बोर्ड व्दारा महानगर के पूर्वी क्षेत्र के नेहरू नगर और एलआईजी कालोनी के पास वर्षों पूर्व बनाई गई मल्टियां इतनी जर्जर  हो चुकी हैं कि ये कभी भी ढह सकती हैं। मजेदार बात यह है कि इन बिल्डिंगों को नगर निगम न केवल खतरनाक घोषित कर चुका है, बल्कि इन्हें डिस्मेंटल करने की हरी झंडी भी दिखा चुका है। बावजूद इसके जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके चलते हजारों जिंदगियों की जान सांसत में है। dilapidated buildings in indore

उल्लेखनीय है कि हाउसिंग बोर्ड व्दारा वर्षों पूर्व कमजोर वर्ग के लोगों को आशियाना उपलब्ध कराने के लिए सन 1978 में नेहरू नगर में साढे तीन एकड़ जमीन पर तीन मंजिला मल्टी का निर्माण कराया गया था। यहां पर 17 ब्लाकों में बनाई गई मल्टी में कुल 408 फ्लेट बनाए गए थे ।

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प्रत्येक ब्लाक में एक दर्जन फ्लेट बनाने के साथ ही यहां पर एक गार्डन और बिजली-पानी की व्यवस्था की गई थी। कुछ समय तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन बाद में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसके मैंटेनेंस पर ध्यान देना बंद कर दिया।बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जब अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की तो मजबूरन यहां के रहवासियों ने संघ बनाकर मल्टी का मैंटेनेंस करने का काम संभाल लिया।

नगर निगम घोषित कर चुका है खतरनाक

नेहरू नगर में साढे तीन एकड़ जमीन पर 408 फ्लेटों वाली इस तीन मंजिला बिल्डिंग को नगर निगम लगभग 6 बरस पहले सन 2018 में ही खतरनाक घोषित करने के साथ इसे डिस्मेंटल करने के लिए हरी झंडी दिखा चुका है। बावजूद इसके, जिम्मेदारों की नींद ही नहीं खुल रही है। इसके चलते कभी भी भीषण हादसा हो सकता है। dilapidated buildings in indore

लीज रेंट वसूलने के वक्त आया जिम्मेदारों को ध्यान

नेहरू नगर में उक्त मल्टी के निर्माण के लगभग 30 साल बाद जब लीज रेंट वसूलने की बारी आई तो जिम्मेदार सक्रिय हुए और उनका ध्यान इस ओर गया। बावजूद इसके उन्होने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। यदि उसी वक्त उन्होंने यहां का मैंटेनेंस करवा दिया होता तो आज यह बिल्डिंग इतनी जर्जर नहीं होती।

एलआईजी की मल्टी के भी यही हाल

नेहरू नगर की तरह ही हाउसिंग बोर्ड व्दारा एलआईजी कालोनी के पास गुरूद्वारा के पास कमजोर वर्ग के लिए मल्टी का निर्माण कराया था। वर्षों पूर्व निर्मित इस मल्टी में लगभग 236 फ्लेट हैं और यह मल्टी भी बुरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इसे भी नगर निगम खतरनाक घोषित कर चुका है, किन्तु इस मल्टी को भी अभी तक जमींदोज नहीं किया जा सका। यदि कभी यह मल्टी धराशाही हो गई तो सैकड़ों जान जा सकती है। मतलब यह कि लाशेंं समेटना भी मुश्किल हो सकता है। फिर भी जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। देखना यह है कि आगे-आगे होता है क्या,,,?

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