इंदौर। मौसम में ठंडक घुलने के साथ ही शहर में प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। इसी के चलते, पिछले दिनों रामसर साइट में शामिल किए गए शहर के सिरपुर तालाब आने वाले इन हजारों प्रवासी पक्षियों को निहारने के लिए पक्षी प्रेेमियों की भीड़ भी यहां उमडऩे लगी है।
गौरतलब है कि महानगर के सिरपुर तालाब में हर साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं और यह शहर के पारिस्थितिकी तंत्र एवं पर्यावरण की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। इसी के चलते, पिछले वर्ष सिरपुर तालाब को रामसर साइट की सूची में शामिल किया गया है। इनके अलावा, यशवंत सागर बिलावली, माचल, बड़ौदा दौलत तालाबों में भी प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। जैसे-जैसे सर्दी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं, त्यौं-त्यौं शहर में मेहमान परिंदों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है। खास बात यह है कि इनकी आमद इंदौर या आसपास की ठंड की वजह से नहीं, बल्कि जहां से यह आ रहे हैं, वहां की शीतकालीन परिस्थितियां उन्हें यहां प्रवास करने के लिए बाध्य करती हैं। ऐसे में इंदौर की आबोहवा इन्हें कहीं ज्यादा रास आती है। शहर में आने वाले ये परिंदे हिमालय के तराई वाले इलाकों के साथ ही देश के विभिन्न भागों से तो आते ही हैें, विदेशों से भी इनकी आमद होती है। विदेशी पक्षियों में मंगोलिया, चीन, रूस के सायबेरिया क्षेत्र एवं ईरान के प्रवासी पक्षी शामिल हैं।
300 से अधिक प्रजाती के परिंदे आते हैं यहां
पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक, सिरपुर तालाब एवं यशवंत सागर में ठंड के दिनों में 300 से अधिक प्रजाती के परिंदे नजर आते हैं। यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में सुरखाब, नार्दन पिटेल, गड़वाल, गार्गिनी, रूडी शेलडक, कामन केस्ट्राल, रायनिक, रेड मुनिया, स्केली ब्रेस्टेड मुनिया, ट्राय कलर मुनिया, मार्शहेरियर, कई तरह की वेगटेल, स्नाइट, कई प्रजातियों की प्रवासी बतख, ट्लोवर, सेंडपाइपर, मार्श हररेरियर, रोविज टर्लिंग (गुलाबी मैना) आदि शामिल है।