इंदौर। कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर जहां बूथस्तर पर अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है, वहीं कर्नाटक की तर्ज पर इस बार समय से पहले उम्मीदवार भी घोषित करने जा रही है। इसी माह 100 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो रही है। इसमें 4 इंदौर की विधानसभा सीटें भी शामिल है। इनमें दो सीटें जीती हुई और दो हारी हुई है।
नगरीय निकाय चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव के लिए भी अपने एक सैकड़ा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा चुनाव घोषित होने से पहले करने की तैयारी कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। इसमें 50 सीटें ऐसी है, जो पिछले चुनाव में कम मतों से हारी थी। वहीं 50 ऐसी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे, जहां से दिग्गज मैदान में उतर रहे हैं। इंदौर की चार सीटों पर अगस्त में ही उम्मीदवार घोषित हो जाएंगे।
इनमें से अधिकांश नाम उन क्षेत्रों के होंगे, जहां पर पार्टी के अभी विधायक नहीं हैं। सूत्रों की माने तो जिन विधानसभा क्षेत्रों के बारे में सबसे पहले निर्णय लेना है, वहां पर टीम कर्नाटक अपने स्तर पर संभावित प्रत्याशियों की नब्ज टोटल रही है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी।
इनमें कुछ नाम उन सीटों के भी रहेंगे, जहां पर अभी पार्टी के मौजूदा विधायक हैं। यह वे नाम होंगे, जिन्हें कांग्रेस फिर से चुनावी मैदान में उतार रही है। दूसरी ओर कर्नाटक चुनाव में रणनीति बनाने वाले सुनील कानूगोलू भी प्रदेश का एक दौरा कर चुके हैं।
कानूगोलू प्रशांत किशोर के जूनियर थे। अब वे कांग्रेस के साथ चुनावी रणनीति बना रहे हैं। इंदौर में भी वे 5 दिन रुककर जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि, अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस अपने मौजूदा विधायकों के टिकट को लेकर अंतिम निर्णय कर चुकी है। दरअसल पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि समय से पहले प्रत्याशी घोषित किए जाने से उन्हें क्षेत्र में संपर्क करने और अपनी प्रचार टीम को मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा, जिसका फायदा मतदान के दौरान मिलेगा। कर्नाटक में भी कांग्रेस ने यही प्रयोग किया था।
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व अभी डेढ़ दर्जन विधायकों को लेकर असमंजस्य की स्थिति में है। इसकी वजह है टीम कमलनाथ और टीम कर्नाटक के अंदरूनी सर्वे में इनकी स्थिति अच्छी नहीं पायी गई है।
पार्टी इसके बाद से ही उनके विकल्पों की तलाश कर रही है। इनमें से कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो टिकट कटने पर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।