डायरियों पर लिए 10 करोड़ के मामले का अब हो पाएगा निराकरण, चिराग शाह को देना है 1 करोड़ से ज्यादा कंपनी से लेने और हिस्सेदारी पर जवाब

ना-नकुर के बाद हैप्पी धवन ने हस्ताक्षर नमूना दिया, दिखने लगा कमेटी का प्रभाव

HAPPY DHAWAN
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इंदौर। उच्च न्यायालय की देखरेख में भूखण्ड पीड़ितों को लेकर बनाई गई कमेटी की कसावट के परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। कल डायरियों पर 10 करोड़ रुपए हजम करने वाले हैप्पी धवन के हस्ताक्षर का नमूने लिए गए है। इन्हें अलग-अलग जांच के लिए भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि हैप्पी धवन ने डायरियों पर पैसे लेकर अपने हस्ताक्षर फर्जी बताए थे। कमेटी की सख्ती के बाद डायरियों पर पैसे देने वालों को न्याय की संभावना बन गई है। दूसरी ओर चिराग शाह के मामले में लगातार बहस के बाद अब उन्हें फिनिक्स कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए किए गए कामकाज और लेन-देन के बारे में जवाब देना है। रितेश अजमेरा के कुछ और भूखण्ड के मामले का निराकरण होने की जानकारी कमेटी से मिली है।

लंबे समय से कालिंदी गोल्ड में डायरियों पर बेचे भूखण्डों पर कब्जे नहीं देने और रजिस्ट्री नहीं कराने के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी भूमाफिया हैप्पी धवन भूखण्ड देने या डायरियों पर लिए पैसो ंका निराकरण के लिए तैयार नहीं है। दूसरी उन्होंने यह भी कहा कि सारी डायरियां नकली है। इसे लेकर जब भूखण्ड पीड़ितों ने उनके हस्ताक्षरों की विशेषज्ञों से जांच की मांग की तो वे गायब हो गए।

बाद में कमेटी के समक्ष चेतावनी के बाद उपस्थित होने पर भी हस्ताक्षर का नमूना नहीं दिया। अंतिम चेतावनी देने के बाद उन्होंने कल हस्ताक्षर के नमूने हस्ताक्षर विशेषज्ञों को दिए। अब डायरी पर पैसे देने वालों को भी न्याय की उम्मीद बंध गई है।

10 करोड़ रुपए से ज्यादा डायरियों पर हैप्पी धवन भूखण्ड धारकों से लेकर हड़प करना चाहते है। दूसरी ओर फिनिक्स देवकान प्रायवेट लिमिटेड में चिराग शाह के डायरेक्टर नियुक्त होने के बाद उन्हें 10.2.2008 से 12.9.2012 तक का हिसाब देना है। उन्होंने सेटेलाइट इन्फ्रा में कंपनी के डायरेक्टर रहते हुए नगर निगम विभाग से नक्शे पास कराने को लेकर हस्ताक्षर किए थे। साथ ही फिनिक्स कंपनी की तरफ से डायरेक्टर रहते हुए भी हस्ताक्षर किए थे।

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अनुविभागीय अधिकारी से भूखण्ड मुक्त कराने को लेकर चाहे गए प्रमाण पत्र भी इन्हीं के हस्ताक्षर है। उन्हें यह भी बताना है कि 2008 में निदेेशक पद पर रहते हुए फिनिक्स कंपनी के एसडीएफसी खाते से मुनाफे के रूप में 12.5.2008 को 3,60,000 और 10.7.2008 को 3 लाख के अलावा फिर अलग-अलग तारीखों पर 5 लाख, 61 लाख, 27 लाख, टोटल 1 करोड़ 8 लाख रुपए चेक से लिए जाने के मामले में जवाब देना है।

आयकर विभाग की आडिट रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी हुई है। इसके अलावा विभिन्न नकद बाऊचरों द्वारा चिराग शाह द्वारा प्लाट होल्डरों के आए पैसे में से नकद रुपए उठाने के बाऊचरों पर भी उनके हस्ताक्षर है। उच्चतम न्यायालय ने चिराग शाह को 23 प्लाट दिए जाने की जवाबदारी तय की थी और इसे लेकर उन्हें एडीएम द्वारा भी लगातार 13.6.2022 को नोटिस जारी किये जा चुके हैं।

चिराग शाह 16.11.2021 को तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष भी कालिंदी गोल्ड सिटी में और फिनिक्स देवकॉन प्रायवेट लिमिटेड में भूखण्ड पीड़ितों के मामलों के निराकरण के लिए तत्पर रहने का शपथ पत्र भी दे चुके हैं। अब कमेटी सीधे चिराग शाह से ही इन मामलों में जवाब लेने की तैयारी शुरू कर चुकी है।

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