आज हेप्पी धवन देंगे हस्ताक्षर का नमूना, चिराग शाह ने 4 साल डायरेक्टर पद पर रहने में हुए लेन-देन पर दिया जवाब
भूमाफियाओं से न्याय दिलाने को लेकर कमेटी में हो रही है रोज सुनवाई
इंदौर। उच्च न्यायालय के भूमाफियाओं से भूखंड दिलाने के प्रयासों को माफिया किस तरह कानूनी दांव-पेंच में उलझा रहे हैं कि डायरियों पर खरीदे भूखंड सहित रजिस्ट्री कराए जाने वाले भूखंड के लिए रोज उच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष घंटों बैठना पड़ता है। कमेटी के इमानदार प्रयासों को हेप्पी धवन जैसे माफिया सफल नहीं होने देना चाहता हैं वहीं चिराग शाह से भी कल कमेटी की जमकर बहस हुई। इस दौरान कमेटी ने तल्ख शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
जहां आज हेप्पी धवन के टालमटोल रवैये के बाद आज उनके हस्ताक्षर को लेकर नमूना लिया जाना है तो दूसरी ओर चिराग शाह को अब अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 25 तारीख को जवाब देना है। इसके अलावा रितेश अजमेरा के 31 में से 25 भूखंडों का निराकरण कमेटी के समक्ष शपथ पत्र के साथ पूर्ण हो चुका है। भूमाफिया रमेश मित्तल को 24 तारीख को कमेटी में बुलाया है।
कल देर शाम तक उच्च न्यायालय प्रांगण में भूमाफियाओं को लेकर पीड़ितों के साथ न्याय दिलाने को लेकर सुनवाई जारी रही। इस दौरान चिराग शाह द्वारा 2008 से 2012 तक डायरेक्टर की हैसियत से नक्शों पर किए गए हस्ताक्षरों को लेकर भी कमेटी ने कई सवाल दागे। चिराग शाह ने अपना पक्ष देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में दी गई 164 पन्ने की रिपोर्ट सही नहीं है। इस पर कमेटी ने यह भी पूछा कि शपथ पत्र के साथ उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट क्या झूठी है और यदि ऐसा है तो इसके गंभीर परिणाम भी होंगे। चिराग शाह से फिनिक्स टाउनशीप में की गई हिस्सेदारी और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 33 प्लाट दिए जाने की जवाबदारी तय की गई है।
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