इंदौर। विधानसभा क्रमांक एक में वर्ष 2018 का चुनाव हारने से भाजपा सकते में आ गई थी। क्योंकि ये सीट भाजपा की परंपरागत सीट बन गई थी। वर्तमान कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला एक चुनाव हार चुके थे, लेकिन संजय शुक्ला ने मैदान नहीं छोड़ा और भाजपा की सिर फुटव्वल का फायदा उठाया और दूसरा चुनाव जीत गए। वही हालात भाजपा में फिर बन रहे हैं। यहां कांग्रेस से संजय शुक्ला ही मैदान में होंगे, लेकिन भाजपा में दावेदारों की लाइन लग गई है जो पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता की राह में रोड़ा बन चुकी है। सभी दावेदार अपनी जमावट भोपाल दिल्ली तक कर चुके हैं। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे दोनों मुख्य दलों में उम्मीदवारों को लेकर मंथन शुरू हो चुका है। हालांकि कांग्रेस संगठन की कोई तैयारी नहीं है लेकिन भाजपा चुनावी मोड़ में आ चुकी है। विधानसभा एक भाजपा में दावेदारों ने अपनी जमावट अभी से शुरू कर दी है। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता अपने टिकिट को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच आश्वस्त नजर आ रहे हैं लेकिन उनकी अंदरूनी घबराहट बरकरार है। उनके सामने 4 उम्मीदवार टक्कर दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर के कारण विश्वास में हैं कि टिकिट गुप्ता ही लाएंगे।
टिकट की जमावट में लगे
हाल ही में सिंगल प्राधिकरण उपाध्यक्ष बने गोलू शुक्ला भी मैदान में बने हुए हैं और टिकिट की जमावट में लगे हैं। वे राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व विधायक रमेश मेंदोला के नजदीक तो हैं ही वहीं मुख्यमंत्री के भी काफी करीब आ गए हैं। ये उन्होंने अपनी नियुक्ति से दिखा भी दिया है।
सहमीडिया प्रभारी भी लगे
पूर्व पार्षद व प्रदेश में सहमीडिया प्रभारी दीपक जैन टीनू भी अपने बड़े नेताओं से संपर्कों से टिकिट भुनाने में लग गए हैं। पूर्व प्रदेश प्रभारी रहे विनय सहस्त्रबुद्धे के नजदीकी रहते उन्होंने पार्षद का टिकिट भी सुदर्शन के ना चाहते हुए भी ले आए थे, लेकिन भोपाल की मिली जिम्मेदारी से प्रदेश अध्यक्ष के नजदीकी बन गए हैं। वहीं सामाजिक समीकरणों के चलते हुए दिल्ली में भी पैठ बना चुके हैं।
दूरियां बनाने वाले भी सक्रिय
पूर्व पार्षद मनोज मिश्रा पहले तो सुदर्शन गुप्ता के ही नजदीकी थे, लेकिन बाद में दूरियां बन गई थी और मिश्रा सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ गए थे। अब वो अपनी पत्नी भावना मिश्रा को टिकिट उसी माध्यम से दिलवाते हुए पार्षद बना लाए हंै तो विधानसभा की दौड़ में शामिल होना चाह रहे हैं। वे मुख्यमंत्री के साथ-साथ अन्य नेताओं से भी जमावट में लगे हैं।
पार्षद वाघेला भी जुगाड़ में
पूर्व नगर महामंत्री और वर्तमान पार्षद कमल वाघेला भी टिकट की जुगाड़ में लगे हुए हैं। पहले वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी कार्य करते हुए दायित्व में रहे हैं। अब संघ के माध्यम से ही अपना प्रमोशन चाह रहे हैं। नगर अध्यक्ष की दौड़ में वाघेला रहे हैं।