इन्दौर। भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए गृह विभाग के फर्जी पत्र के आधार पर रासुका हटाने की कोशिश में एफआईआर मामले में गड़बड़ी की है। हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में पुलिस की ओर से जवाब और डायरी पेश हो गई है।
जिसमें कहा गया है कि गलत तरीके से रासुका हटवाने के लिए फर्जी पत्र पेश किया गया। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। खजराना थाना में 8 दिसंबर 2022 को मद्दा के खिलाफ गृह विभाग की शिकायत पर धोखाधड़ी की अलग-अलग धाराओं 420, 469, 468 और 471 में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह द्वारा लगाई गई रासुका में गिरफ्तारी से बचने के लिए गृह विभाग के एसीएस डॉ. राजेश राजौरा के नाम पर एक फर्जी पत्र खजराना थाना में पेश किया गया है। इसलिए गिरफ्तारी नहीं की जाए। जब पुलिस ने यह जांच की तो मामला फर्जी निकला।
केस को रद्द करने के लिए मद्दा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। हाईकोर्ट ने पुलिस से लिखित में जवाब मांगा था। उल्लेखनीय है कालोनियों और जमीन के फर्जीवाड़े में मद्दा फरार है और पुलिस ने 30 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा है। इसी तरह अन्य माफिया भी अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। शहर में बड़ी संख्या में कई सालों से लोग अपने प्लाट के लिए भटक रहे है। पुलिस प्रशासन की मुहिम भी अब ठंडी हो गई है।