अहमदाबाद (ब्यूरो) Gujarat Election 2022। गुजरात में जैसे-जैसे मतदान का समय करीब आ रहा है, भाजपा को अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना पड़ रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गुजरात में सघन दौरा शुरू होने जा रहा है। वे यहां तीन दिन प्रचार करेंगे। दूसरी ओर इस बार भाजपा ने यहां पर पांच मंत्री और 38 विधायकों के साथ दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के टिकट भी काट दिए हैं। वहीं कांग्रेस से शामिल हुए 19 विधायकों को भाजपा से उम्मीदवार बनाया गया है। ओबीसी और पाटीदार समाज में इस बार 89 उम्मीदवार जातिगत समीकरण के आधार पर उतारे हैं। 4 और 6 बार जीते विधायक भी मैदान से हटा दिए गए हैं। माना जाता है भाजपा की इस लेबोरेटरी में होने वाले प्रयोग सफल होने के बाद भाजपा अन्य राज्यों में इसे लागू कर देती है।
Also Read – Gujarat formula: दिग्गजों के क्षेत्र बदलेंगे तो कई मैदान से इस बार बाहर होंगे इस बार भाजपा ने यहां पर कई बड़े प्रयोग प्रारंभ करते हुए नई भाजपा खड़ी करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें एक ही लक्ष्य है जो जीत सकता है उसे ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। अन्य दलों से आने वालों को पूरी प्राथमिकता दी जाएगी। अहमदाबाद शहर में इस बार मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और एक अन्य मंत्री के अलावा सारे उम्मीदवार बदल दिए गए हैं। इसमें चार बार जीते विधायक भी शामिल हैं।Gujarat Election 2022
दूसरी ओर विजय रुपाणी और नितिन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाकर उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इन्हें पार्टी ने ही नकारा है, तो फिर उन्हें मैदान में नहीं उतारा जा सकता। 21 से ज्यादा विद्रोही इस बार अपने क्षेत्रों से कांग्रेसियों को उम्मीदवार बनाए जाने के कारण निर्दलीय होकर मैदान में उतर गए हैं। चार स्थानों पर अभी भी उम्मीदवार घोषित नहीं हो पाए हैं।
इस बार भाजपा को पहली बार अपने ही दल में चुनौती मिल रही है। हालांकि आप पार्टी भले ही प्रचार में भाजपा के साथ खड़ी हो पर कई स्थानों पर जमीनी आधार नहीं है। शहरी क्षेत्र में ही आप पार्टी का प्रचार ज्यादा दिखाई दे रहा है। अब गुजरात में चुनाव की कमीन खुद प्रधानमंत्री संभालने के लिए पहुंच रहे हैं और यहां वे तूफानी प्रचार करेंगे। माना जा रहा है कि पिछली बार कांग्रेस बहुमत की कगार पर हार गई थी, इस लिए भाजपा कोई भी जोखिम नहीं ले रही है।
जातिगत समीकरण के आधार पर भी इस बार ठाकुर, जैन, महंत को भी जगह दी गई है। अपनी हिन्दूवादी छवि को पूरी तरह बचाए रखने के लिए किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। अब देखना यह है कि नई भाजपा को लेकर शुरू की गई तैयारियां गुजरात में कितनी सफल होती है। कई राज्यों में अन्य दलों के ताकतवर नेताओं को भाजपा में लाने की कवायद इन दो राज्यों में चुनाव जीतने के बाद प्रारंभ होगी। अगला निशाना राजस्थान पर रखा गया है।Gujarat Election 2022