सुलेमानी चाय: दुश्मन की दुश्मन…लड्डू लड़े तो बूंदी झड़े….सज्जू का सामरी जादू…प्लाटों से उगलवाए प्लाट

सुलेमानी चाय

दुश्मन की दुश्मन…

सुलेमानी चाय: दुश्मन की दुश्मन

अगर भाई दुश्मन हो, तो उसका दोस्त भी अपना दुश्मन ही होता है और उस दुश्मन से कोई अलबेली नार दुश्मनी निभा रही हो, तो वो अलबेली नार भी अपनी दोस्त हो जाती है। भाजपा के एक अल्पसंख्यक नेता जी ने उस अलबेली नार का साथ देना तय कर लिया है, जिसने पुरानी दोस्ती के बाद कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद के लिए मुसीबत खड़ी कर रखी थी। बहुत जल्दी वो अलबेली नार भाजपा में शामिल हो कर अल्पसंख्यक मोर्चे की शोभा बढ़ा सकती है। इस सबके पीछे कारण वही है, भाई-भाई की दुश्मनी। जिस पूर्व पार्षद के लिए मुसीबत खड़ी की गई है, उसका कसूर केवल यही है कि वो बेकसूर है। फटीचर इंदौरी का मतला है तेरा कसूर ये था कि तू बेकसूर था, तेरे ग्रह नक्षत्र बता रहे हैं कि तुझे फंसना ज़रूर था।

लड्डू लड़े तो बूंदी झड़े

दो बूंदी के लड्डू जब आपस में लड़ते हैं, टकराते हैं तो क्या होता है? जाहिर सी बात हैं बूंदियां झड़ती हैं और लोगों को मिलती हैं। विधानसभा पांच में दो लड्डू लड़ रहे हैं। एक लड्डू हैं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल और दूसरे हैं भावी विधायक होने की इच्छा रखने वाले स्वप्निल कोठारी। दीपावली मिलन के बहाने एक भोज सत्तू भैया रख चुके हैं। अब एक भोज दीपावली मिलन का स्वप्निल कोठारी भी रख सकते हैं और रख क्या सकते हैं रख ही दिया है। पूरे पांच नंबर के कार्यकर्ता खुश हैं। साग-पूरी की दावत उड़ा रहे हैं। खजराना के कांग्रेसी खुश तो हैं, मगर पूरे नही क्योंकि पूरी खाने से वो पूरी खुशी नहीं मिलती जो सालन के साथ मांडे खाने से मिलती है। खैर मुफ्त का माल हो तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। सत्तू भैया के लिए चिंता की बात यही है कि स्वप्निल कोठारी बहुत तेजी से पांच नंबर में अपनी बैठ बना रहे हैं। सत्तू भैया की लगातार की पराजयों से कोठारी का रास्ता साफ है। कमलनाथ भी उन्हें सहाय हैं।

सज्जू का सामरी जादू…प्लाटों से उगलवाए प्लाट

खजराना में भी बड़े बड़े जमीनी जादूगर मौजूद है ,लेकिन अहमद नगर में सज्जू साहब दस के बारह प्लॉट करने के लिए जाने जाते हैं। संस्था ने सदस्यता की अनदेखी कर मनमानी से प्लॉट आवंटित किए ..एक ही परिवार के सदस्यों को पांच पांच दस दस प्लॉट दे दिए गए, लेकिन सज्जू साहब शहर के दूसरे जमीनी जादूगरों से बहुत आगे निकल गए हैं। दस प्लॉट के ग्यारह ओर बारह कैसे होते है ये सज्जू साहब बखूबी से जानते है, ओर हर प्लॉट का साइज भी बना रहता है ,सज्जू साहब हर प्लॉट के आगे एक दो फिट निकल जाते है जिससे प्लॉट की साइज बढ़ जाती है और साइड से एक फिट अंदर हो जाते है जिससे प्लॉट का साइज बराबर रहता है और संख्या बढ़ जाती है। सज्जू साहब एहमद नगर के इकलौते गुनाहगार नहीं ओर भी कई बड़े नाम इसमें शामिल हैं। आने वाले दिनों में इन्हें दिक्कत आ सकती है इन सभी की शिकायतें लोकायुक्त ओर दूसरे विभागों में हो रही है और अब कार्रवाई निश्चित है।

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दुमछल्ला……

कैद से रिहा ज़ैद

शहर के मशहूर समाजिक कार्यकर्ता ज़ैद पठान मुसीबत के वक्त पूरी कौम का साथ देते हैं। मगर जब उन पर मुसीबत आई तो की उन सभी ने मुह मोड़ लिया जो एन आर सी विरोधी आंदोलन में उन्हें अपना नेता बना कर उनके पीछे चलने लगे थे। शहर के कई बड़े नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। शहर के वे सफेद पोश लोग ज़ैद पर कार्रवाही के बाद से ही खुद को छिपाते फिर रहे थे। अब 62 दिन बाद कोर्ट ने उन पर एन एस ए की कार्रवाई को गलत ठहराते हुवे उन्हें रिहा कर दिया है। आगे से ज़ैद पठान को खुल कर साथ देने वाले और मुह छिपाने वालो का खयाल रखना चाहिए। (सुलेमानी चाय)

मो.नं. 9977862299

 

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