सुलेमानी चाय: सत्तू तुम संघर्ष करो, हम कोठारी के भी साथ हैं
दुबई का चश्मा चीन की चड्डी और ईरानी चाय,, असलम भाई,,,, मस्जिद इमामों की फ़ज़ीहत
सुलेमानी चाय
सत्तू तुम संघर्ष करो, हम कोठारी के भी साथ हैं
विधानसभा पांच में कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक खजराना की शक्ल में मौजूद है, लेकिन खजराने में कांग्रेस के दस नम्बरी नेता लाड़ा-लाड़ी दोनों को नहला रहे हैं। इस बार खजराने के कांग्रेसी लाड़े के रूप मे सत्तु भय्या की जयकार कर रहे है ,वही दूसरी तरफ पांच नम्बर में कांग्रेस से दावेदारी कर रहे स्वप्निल कोठारी को लाड़ी बना चोरी छिपे मिल रहे है, इसकी भनक जैसे ही सत्तू को लगी वैसे ही सत्तू भय्या अपनी पार्टी के सभी नेताओं को अपनी टोकरी में बैठाने में लग गए, और ईद मिलादुन्नबी के मौके पर सभी नेताओं के बैनर का खर्च अपने जिम्मे लेकर लगभग सभी को अपने होडिंग में जगह दे दी। जिन्होंने अपने खर्च से होडिंग लगाया उनमे 39 से निर्दलीय लड़े सलीम पठान रहे। उन्होंने ठोक कर स्वप्निल कोठारी का फोटो लगाया। वे सत्तू भईया से खफा भी हैं और ऐलान कर चुके हैं कि सत्तू भईया को टिकिट मिला तो निर्दलीय विधायक का चुनाव भी लडूंगा।।
दुबई का चश्मा चीन की चड्डी और ईरानी चाय,, असलम भाई,,,
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राजा बाबू ने मोर्चे के प्रदेश स्तरीय नेताओं के सात दिन के अल्टीमेटम की भोंगली बनाकर बड़े नेताओं को सौप दी है ,इस भोंगली के साथ मोर्चे के नगर अध्यक्ष ने एक रॉकेट भी बना कर अब उसका मुंह उनके खिलाफ काम कर रहे नेताओं की तरफ कर दिया है, जिससे लगता है कि असलम की जेब मे हर ताले की चाबी मौजूद है, इसी के साथ असलम की गर्मी से प्रदेश के नेताओ को भी अब पसीने छूटने लगे है, अल्टिमेटम के बाद प्रदेश और नगर के बड़े नेताओं के यहा एसी का इंतजाम हो चुका है , एसी की ठंडक के सहारे अब असलम की कमेटी का हिलना मुश्किल ही नही ना मुमकिन मालूम हो रहा है,,,,,
मस्जिद इमामों की फ़ज़ीहत
शहर की कई मस्जिदों में इमामों और कमेटियो में छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। कमेटियां चाहती है इमाम उनके सुर और ताल पर डांस कर। इमामों की फजीहत ये भी है ,कि कमेटी में शामिल हर बंदा खुद को तानसेन समझता है ,अब किस की डफली पर इमाम नाचे ये उसे नही सूझता। नतीजा ये निकलता है कि मस्जिद से इमाम की रवानगी कर दी जाती है। कई मस्जिदे गवाह है कि उसके मुसल्ले पर एक साल में कई इमाम बदल जाते है। कमेटियों और इमामो इस तनातनी को कोई दूर करने वाला नही है। इमामों को काम सोपने वाले भी मस्जिद कमेटियों की तस्दीक पर इमाम बदलने का फरमान जारी कर देते है। ताज़ा मामला तुकोगंज मस्जिद का है जहाँ दो साल में पांच इमामो को बदल दिया गया। ऐसे ही वज़ह जो सामने आ रही है वो चंदे से जुड़ी हुई है। बड़ी वक़्फ़ संपत्ति की मालिक तुकोगंज मस्जिद में मामूली चंदे के लिए फ़ज़ीहत लोगो को समझ नही आ रही है। हालांकि कई मस्जिदे इसी भी है जहां चालीस पचास सालों से एक ही इमाम इबादत कर रहा है।
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