गुस्ताखी माफ़-विमानतल पर एक निगाह के तलबगार रहे नेता
विमानतल पर एक निगाह के तलबगार रहे नेता
कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महाकाल लोक के लोकार्पण को लेकर इंदौर में विमानतल पर जब आगमन हुआ तो भाजपा के कई दिग्गज नेता कतारबद्ध खड़े थे। सबकी निगाहें प्रधानमंत्री की कातर निगाहों पर टिकी हुई थी।
तमन्ना थी कि एक बार वे हसरत भरी निगाहों से देख भर लें, परंतु उनके इस ख्वाब पर घड़ो पानी बह गया। प्रधानमंत्री विमान से उतरे और उन्होंने चंद कदम चलने के बाद जिस तरीके से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर की सांसद रही सुुमित्रा महाजन से ताई कहते हुए जिस आत्मीय तरीके से बात की उसने बता दिया कि आज भी उनके प्रधानमंत्री के साथ कितने आत्मीय और सम्मानपूर्वक रिश्ते बने हुए हैं।
अमुमन राजनीति से दूर होने के बाद प्रधानमंत्री के बहुत कम लोगों से इतने बेहतर रिश्ते दिखाई दिए हैं। इस दौरान उनकी एक निगाह के कई भाजपा नेता तलबगार रहे। इसमें पेलवान से लेकर पुराने दिग्गज संगठन मंत्री कृष्णमुरारी मौघे भी शामिल रहे। प्रधानमंत्री की एक भी नेता पर नजर ही नहीं पड़ी। दो सैकड़ से ज्यादा का समय किसी को नहीं मिल पाया।
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इसके पूर्व भी जब वे इंदौर आए थे तो उन्होंने लाइन में खड़े भाजपा नेताओं से एक ही हाथ से फूल समेटकर सीधे ताई से बात कर आगे बढ़ गए थे। यह तो हाल था इंदौर का, अब इसके बाद जब वे उज्जैन पहुंचे तो उन्होंने ज्योति बाबू को पूरा सम्मान दिया। इससे ज्योति बाबू के समर्थकों का आधा-आधा लीटर खून बढ़ गया, तो दूसरी ओर महाकाल लोक के प्रभावी और शानदार कार्य के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी बेहतर रहा। हालांकि उन्होंने शिवराजसिंह चौहान नहीं कहते हुए शिवराज चौहान ही कहा, पर प्रदेश अध्यक्ष के नाम को वे घोलकर पी गए। ऐसे कई नाम वे नीलकंठ के द्वार पर नीलकंठ बनकर पीते रहे। यहां पर भी उनकी एक निगाह को कई नेता तरस गए। अब सवाल उठ रहा है कि क्या वे इस श्रेष्ठ काम के लिए मुख्यमंत्री का उपयोग भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे या इसे मुख्यमंत्री का छोटा रिचार्ज वाउचर माना जाए।
गुस्ताखी माफ़
-982666706