illegal builders: वर्षों बाद शहर में व्यवस्था पर दिखने लगा है प्रशासन का खौफ
अवैध निर्माण करने वाले और जमीनों के जादूगर अब थकने लगे हैं
illegal builders
इंदौर। शहर में इन दिनों व्यवस्था पर प्रशासन का खौफ दिखाई देने लगा है। जिनके लिए शहर में हर काम आसान होता था वे भी अब प्रशासन के खौफ से गलत कामों से अपने आप को पीछे खींच रहे हैं। लंबे समय से शहर जमीनों के जादूगरों का चरागाह बना हुआ था।
चाहे संस्था की जमीन हो चाहे सरकारी, जमीनों के खिलाड़ी बिना किसी भय के अपना काम करते रहते है। पुराने समय में शहर से लगी हुई सीमाओं पर बनाई गई कॉलोनियों की स्थिति यह थी कि कई कॉलोनाइजरों ने कांकड़ की जमीन पर भी प्लाट काटकर बेच दिये हैं।
वे लोग आज सफेद पोश होकर समाज में भी राजनीति कर रहे हैं। जैसे जैसे शहर में अवैध धंधे करने वालों के गले कसाते गये वैसे वैसे शहर में प्रशासन का खौफ और पहचान दोनों कायम होने लगी है।
पिछले बीस सालों में इंदौर में कई ऐसे अवैध कार्य होकर खड़े हो गये जिन्हें प्रशासनिक संरक्षण के साथ राजनैतिक संरक्षण भी मिला करता था और इसीलिए इस प्रकार के माफियाओं के मन से प्रशासन का भय नहीं के बराबर था।
परंतु पिछले तीन सालों में शहर के अवैध निर्माणों पर जो कार्रवाई हुई और इसी के साथ ही सैकड़ों संस्थाओं द्वारा गरीबों को भूखंड न देते हुए जमीनों के जादूगरों को संस्था के पदाधिकारियों ने एकड़ों में बेच दिया। करोड़ों की जमीने संस्ताओं के सदस्यों के हाथ से निकलकर ऐसे माफियाओं के हाथ में पहुंच गई जो प्रशासन को अपनी जेब में लेकर घूमते थे। पिछले बीस वर्षों से छोटे छोटे प्लाट होल्डर अपने प्लाटों के लिए सहकारिता विभाग में चक्कर लगाते रहते हैं। परंतु अब शहर में चाहे अवैध निर्माण का मामला हो या फिर जमीनों की हेराफेरी का इन दिनों माफिया दूरी बनाने लगे हैं।
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