indian beggar: देश में भिखारियों का कारोबार 1.2 अरब डॉलर के पार पहुंचा
सवा चार लाख भिखारी 1000 करोड़ आय, मध्यप्रदेश चौथे नंबर पर
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। इन दिनों भारत में भीख का कारोबार ऑन लाइन कारोबार कर रही अमेजॉन और फ्लिपकार्ड को पीछे छोड़ चुकी है। सवा अरब के आबादी वाले इस देश में लगभग सवा चार लाख से अधिक भिखारी हैं।
प्रत्येक भिखारी की मासिक आय 24 हजार रुपए के लगभग है। भीख का कारोबार 1.2 अरब डॉलर को पार कर चुका है। भिखारियों में नंबर एक पर बंगाल, दो पर उत्तर प्रदेश, तीसरे पर आंध्रप्रदेश और चौथे पर मध्यप्रदेश आता है।
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भिखारियों को लेकर किए गए अध्ययन के बाद जारी जानकारी के अनुसार भारत आज उन देशों की लिस्ट में भले ही शामिल हो रहा हो जो तेजी से आर्थिक उन्नति कर रहे हैं, परंतु पूरे देश में जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा प्रबंध भले ही न मिले परंतु भिखारियों की तादाद मिल जाएगी।
भिखारियों को लेकर किए गए अध्ययन में भारत में भीख मांगने का एक बिजनेस मॉर्डल है, जिसमें मानव तस्करी से लेकर आतंकवाद और जघन्य अपराध भी शामिल हैं। पिछली जनगणना के वक्त देश में सवा चार लाख भिखारी थे, ये सरकारी आंकड़ा है।
इसमें 2.2 लाख पुरुष और 1.8 लाख महिलाएं शामिल हैं। हालांकि भिखारियों की संख्या 9 लाख से ज्यादा मानी जा रही है। इसमें भिखारियों की सूची में पश्चिम बंगाल में एक लाख भिखारियों के बाद उत्तर प्रदेश 66 हजार, आंध्र प्रदेश में 30 हजार और मध्यप्रदेश में 29 हजार भिखारी बताए गए हैं।
भिखारी पुलिस प्रशासन के लिए भी कई जानकारियों का स्त्रोत हैं। ताजा जानकारी के अनुसार एक भिखारी 24 हजार रुपए महीना कमाता है। इस लिहाज से कई कंपनियों को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि भारत में ऑन लाइन कारोबार से ज्यादा भीख कारोबार है।
सभी भिखारियों की आमदनी जोड़ी जाए तो 1000 करोड़ रुपए के लगभग पहुंच जाती है। कई क्षेत्रों में किसानों के परिवार भी फसल बोने के बाद शहरों में भीख मांगने के लिए पहुंच जाते हैं। पिछले समय मृत हुए कुछ भिखारियों के पोटलों में लाखों रुपए तक मिल चुके हैं।
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