सुलेमानी चाय: बाबा की टंकी पर इकबाल की सवारी …

नशे को लेकर जिम्मेदार बिन पिय ही मदहोश...बा.. का बिगड़ा बाड़ा...

(सुलेमानी चाय)

बाबा की टंकी पर इकबाल की सवारी …

खजराने के नेता कलाकारी में पूरे शहर को पीछे छोड़ रहे है,विधायक निधि से बनने वाली पानी की टंकी को खुद के अथक प्रयास का नतीजा बताने से भी जुरेज नही कर रहे,बेगानी शादी में हमारे वार्ड 39, की पार्षद महोदया अब्दुल्ला बन रही है, निगम के उद्घाटन कार्यक्रम के निमंत्रण भी खुद ही बांट रही है,ओर टंकी को अपनी जौर आजमाइश का नतीजा बता रही है,जबकि हकीकत ये है कि एक पार्षद अपने जिस्म के किसी भी हिस्से का जौर लगा ले अपनी प्रयासों से टँकी नही बनवा सकता हा विधायक से मिन्नते जरूर कर सकता है,ऐसा ही एक मसला खजराने में तब भी हुवा था जब गाँव का गोया रोड बना था ,तब भी एक ही रास्ते पर,पार्षद पूर्व पार्षद ओर उस वक्त एल्डर मेन हमारे अनुशाली पटेल ने रोड को अपने अथक प्रयास के नतीजे का बोर्ड लगा दिया था, अबकी बार भी ऐसा ही कुछ हो रहा है,इसीलिए टंकी तो बाबा की,, पर सवारी आप समझ ही सकते है,,

नशे को लेकर जिम्मेदार बिन पिय ही मदहोश…

शहर के आज़ाद नगर में कल हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को शर्मशार कर दिया, सभी जिम्मेदारों ने आरोपी को कोस कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी ,लेकिन मुस्लिम इलाको में इस समय होने वाले अपराधो की सबसे बड़ी वजह पर सभी जिम्मेदार खामोशी इख्तियार कर के बैठे है,मुस्लिम इलाको में आम हो रहा नशा इन अपराधों की सबसे बड़ी वजह है ,जिस पर दो शहर काजी, नो पार्षद, ओर कई जिम्मेदार अपने मुह में दही जमा कर बैठे है, थाने क्यों चुप है ये सभी को पता है,पार्षदो ने अपनी आँखें क्यों मूंद रखी है ये वो ही बेहतर जानते है ,ओर काजी हजरात अपने नम्बर ओर कुर्सी की हिफाजत में लगे है,जो इक्का दुक्का बोलते है उनकी हालत सभी को पता है उनके लिए कोई बोलने वाला ही नही है,हमारी ऐसी हालत के लिए जिस हद तक हमारे ओहदेदार जिम्मेदार है ,वही इन्हें ओहदे पर बैठाने पर कुछ हद तक हम भी गुनाहगार है,, रहता है ,ये बात देखने लायक रहेगी।

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बा.. का बिगड़ा बाड़ा…

पिछले दिनों घोषित हुई अल्पसंख्यक मोर्चे की टीम में आये दिन विवाद हो रहे है, पहले तो कांग्रेस में साजन की सजनिया बने रहने वाले शेख शाकिर जो कि बी जे पी को हमेशा पेट भर के कोसते थे , उनके साहबजादे साजिद अब उसी कोसी हुई बीजेपी में अल्पसंख्यक मोर्चे में हिस्सा बन गए है, वही मोर्चे में दूसरे जिम्मेदार समीर बा , को दिनेश पांडे ने बा ओर बाबा दोनो याद दिला दिए है, सूत्रों की माने तो इस बार पचड़े में पड़ी अल्पसंख्यक मोर्चे के कभी भी कचरे हो सकते है ,कुछ मेम्बर को हटाने के लिए नगर अध्यक्ष राजी है, लेकिन इस बार विरोधियों का पलड़ा भारी है, और वे पूरी कमेटी भांग करने पर अड़े है,खैर,, इब्तिदाये इश्क है रोता है क्या आगे आगे देखिए होता है क्या।।,,,,,,

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दुमछल्ला…

मायाखेड़ी की जमीन मे मंत्री पुत्र को मुफ्त की माया…

जमीनी जादूगरी में जब आम खास बनते जा रहे है , ऐसे में कारम बाँध के कलंक से बचे मंत्री का कुनबा कहा पीछे रह सकता है , किसान और बिल्डर के बीच मंत्री पुत्र के बाँध बनने की ख्वाहिश के कारण ही माया खेड़ी की जमीन को पर मंत्री पुत्र की नजर लग गई है , इसी के चलते जमीन विवादों में फंसती जा रही है, मंत्री जी के साथ कई प्रशसनिक अधिकारी भी जमीन की जद में आ रहे है, प्रशासनिक हस्तक्षेप ओर शहर की कई बड़ी हस्तीया मामले को निपटाने में लग गई है,उम्मीद है जल्द ही मामला निपट सकता है।

(सुलेमानी चाय)

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