इंदौर। नगर निगम द्वारा शहर की एक सौ छियानवे अवैध कॉलोनियों को वैध करने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार ने कॉलोनियों को वैध करने के नए नियम बना दिए हैं। इसके बावजूद कॉलोनियों के वैध होने का संशय बरकरार है। फिलहाल शहर में पांच सौ छियत्तर कॉलोनी अवैध हैं। पूर्व में निगम ने बाइस कॉलोनियों को वैध घोषित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने कार्यवाही को गलत बताते हुए निरस्त कर दिया था। अब फिर से सूची बनाई गई है। पहले अवैध कॉलोनियों को वैध करने की आठ बार कोशिश हो चुकी है। हर बार कुछ न कुछ झंझट पैदा होते हैं और मामला अटक जाता है।
नगर निगम चुनाव में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का उल्लेख दोनों पार्टियों ने प्रमुखता से रखा था। महापौर और परिषद शपथ के साथ ही निगम अधिकारियों ने पहले से बना रखी सूची को मंजूरी के लिए पेश कर दिया। सूची के साथ नियम की बात भी होना थी, जो नहीं की गई। नियम की बात करते तो कॉलोनाइजरो से वसूली कैसे होती? खैर, मुद्दा यह है कि पिछले कुछ सालों से अवैध कॉलोनियों को वैध करने की बात जोरशोर से की जा रही है। पहले नियम में तकलीफ थी। अब राज्य शासन ने वो भी बदलाव कर दिए।
उन बदलावों के बावजूद निगम ने जो सूची बनाई है महज खानापूर्ति की है। वास्तविकता में कॉलोनियों को वैध करने के राज्य शासन ने जो नियम बनाए हंै उसका पालन करते हुए निगम ने कार्यवाही की है क्या? सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि अवैध कॉलोनियों में वोट की खातिर पार्षदों ने पहले ही सड़क , बिजली, पानी, ड्रेनेज जैसी सुविधाएं निगम से दिलवा दी है। ऐसे में रहवासी विकास शुल्क क्यों देंगे? निगम रहवासियों से अब सिर्फ विकास शुल्क वसूलने और आय बढ़ाने के लिए यह कार्यवाही कर रहा है। हां, यह भी हो सकता है कि अधिकारियों और कॉलोनाइजरो में भी सांठगांठ हो गई हो।
निम्न गांव की कॉलोनियां – नगर निगम ने एक सौ छियानवे कॉलोनियों की सूची बनाई है, उसमे निम्न गांव शामिल है। खजराना, सुलकखेड़ी,छोटा बांगड़दा, गाडराखेड़ी, सुखलिया, छोटी खजरानी, पिपलियाराव, मूसाखेड़ी, नरवल, पिपलियाहाना, चितावद, बड़ा बांगड़दा,भागीरथपुरा, सिरपुर, बाणगंगा, हुक्माखेड़ी, पालदा, बिलावली, कबीटखेड़ी, टिगरिया बादशाह, तेजपुर गड़बड़ी, पीपलियाकुमार, बिचौली मर्दाना और कस्बा इंदौर पर बसी अवैध कॉलोनियां है। सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा गांव की कॉलोनी, एक सौ छियानवे कॉलोनियों की निगम ने जो सूची बनाई है। उसमें खजराना की सबसे ज्यादा 57 अवैध कॉलोनियां है। इसी तरह सबसे बड़ी अवैध कॉलोनी पीपलियाकुमार की तुलसी नगर है जो 126 एकड़ जमीन पर है।
ऐसे सवाल जो निगम ने अवैध कॉलोनियों में पूर्ण कर लिए क्या?
1.क्या कॉलोनी रहवासियों से सहमति ली? 2. क्या उनसे वसूल की जाने वाली राशि की जानकारी दी? 3. कॉलोनाइजरों के खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज किए? 4. क्या बैंकों में हर कॉलोनी के अलग से अकाउंट खुलवा लिए गए? 5. क्या कॉलोनियों की सूची अखबारों में प्रकाशित की?
ये पॉश कॉलोनियां भी अवैध
एरोड्रम रोड की छत्रपति नगर, महेश नगर के पीछे गिरधर नगर, बिचौली मर्दाना की संपत एवेन्यू, संपत फार्म और संपत विहार, अन्नपूर्णा मंदिर के पीछे पार्श्वनाथ नगर, भागीरथपुरा, गोविंदनगर खारचा, श्याम नगर प्रथम और द्वितीय, विश्वकर्मा नगर, वैभव नगर एक्सटेंशन, बृजविहार कॉलोनी, ग्रेटर बृजेश्वरी, अयोध्यापुरी, मारवाड़ी अग्रवाल नगर अवैध कॉलोनी की सूची में शामिल है। illigal colony indore