सहकारिता विभाग माफियाओं से 55 एकड़ जमीन मुक्त कराएगा
संस्था ने जमीनें बेच रखी हैं, अदालत में वाद दायर करने के लिए तैयारी पूरी
(सहकारिता विभाग माफियाओं से 55 एकड़ जमीन मुक्त कराएगा)
इंदौर। शहर की गृहनिर्माण संस्थाओं द्वारा नियमों में हेराफेरी कर सदस्यों के पैसों से जमीन खरीदने के बाद भूमाफियाओं को बेचने का जो कामकाज किया था अब उस पर जिला प्रशासन ग्रहण लगाने की तैयारी पूरी कर चुका है।
सहकारिता विभाग की बैठक में उन संस्थाओं की सूची तैयार की हैं जिन्होंने अवैध तरीके से जमीनें बेच दी है। इसके लिए प्रभारी अधिकारियों और शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति भी कर दी गई है। जो जमीन की रजिस्ट्रियां निरस्त करवाने के लिए वाद दायर करेंगी। कल विभाग की हुई बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा के बाद पात्र सदस्यों को भूखण्ड दिलाने को लेकर भी नए सिरे से कार्रवाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।
65 फर्जी सदस्यों का मामला भी तय
सहकारिता विभाग के उपायुक्त ने पहले से ही इस मामले में सख्त निर्देश जारी कर दिए है कि न्यायिक सहकारिता अदालतों में सहकारिता अधिनियमों के तहत केस लगाए जाए। राज्य सहकारीता आयुक्त ने गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा नियमों के विरुद्ध संस्था के सदस्यों की बेची गई भूमी या भूखण्ड नहीं देने के भी निर्देश दिए है। शहर में 8 संस्थाओं को सबसे पहले निशाने पर लिया गया है। इसमें आदर्श गृह निर्माण सहकारी संस्था के 65 फर्जी सदस्यों का मामला भी तय किया जाएगा।
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इस संस्था से दो एकड़ जमीन मुक्त करावाई जाएगी। दूसरी ओर संतोषी माता गृह निर्माण द्वारा वर्ष 1999 में 23 एकड़ जमीन कल्पतरू निर्माण संस्था को बेच दी थी। अब यह जमीन वापस ली जाएगी इसके लिए भी वाद तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा नवभारत गृह निर्माण की जमीन का बड़ा भाग तैयबी रियल स्टेट ने खरीद रखा है ओर करतार गृह निमाण की सवा चार एकड़ जमीन महिला गृह निर्माण की तीन एकड़ जमीन भी वापस ली जाएगी। दूसरी ओर शहर के सफेद पोश जमीन के कारोबारी भी इस बार निशाने पर आने जा रहे हैं।
सहकारीता विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रेम गोयल द्वारा संस्थाओं की जमीन भी बेचे जाने का मामला सामने आया है। आठ से ज्यादा संस्थाओं द्वारा 55 एकड़ से ज्यादा जमीन मुक्त कराई जाएगी। इस पर प्लाटों का आवंटन भी शुरू किया जाएगा।
(सहकारिता विभाग माफियाओं से 55 एकड़ जमीन मुक्त कराएगा)