मेट्रो ट्रेक की रफ्तार में बाधाओं के पहाड़ हटाना चुनौती

अतिक्रमण हटाने और जमीन अधिग्रहण का काम नहीं हुआ शुरू

शार्दुल राठौर

इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बहुप्रतीक्षित मेट्रो टे्रन की रफ्तार में कई बाधाओं के पहाड़ खड़े हैं। इन पहाड़ों को समतल करने के बाद ही आगे का रास्ता खुल सकता है। कई क्षेत्रों में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने और निजी जमीन अधिग्रहण का काम शुरू करने, खजराना चौराहे पर पीएचई का संप और पंप हाउस, पलासिया चौराहे पर अलाइमेंट का फायनल नहीं होना शेष है। इसके अलावा ट्रेन की लाइन बंगाली कॉलोनी चौराहे से मेट्रो कॉरिडोर कनाड़िया रोड की तरफ मुड़ेगी। लाइन रोड के एक तरफ बिछाई जाना है। पलासिया चौराहे के पास शेख हातिम चौराहे पर नाले के ऊपर से गुजरते हुए पलासिया चौराहे की ओर बनाने का प्रस्ताव है। कोठारी मार्केट के पास से मेट्रो लाइन भूमिगत होगी। वहां निगम का मार्केट तोड़ने के साथ कुछ निजी मार्केट भी हटाना पड़ेंगे। कोठारी मार्केट की दुकानेें हटाना निगम के सामने चुनौती है, जब तक इनसे निजात नहीं मिल जाती, मेट्रो ट्रेन का काम कछुआ गति से चलता रहा। यही स्थिति रही तो अगले वर्ष 2023 में मेट्रो ट्रेन रफ्तार पकड़ सकेगा, संभव नजर नहीं आता है। कुल मिलाकर निगम खुद सक्रिय नहीं हुआ तो यह अहम प्रोजेक्ट लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा।

मेट्रो की रफ्तार ने सभी चौका दिया हैं। अब तक जो काम सालों से नहीं हुआ था, वो कुछ माह में पूरा हो चुका है। ये काम बड़ी तेजी से चल रहा है, ताकि 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा मेट्रो ट्रेन को अपने विकास कार्य मे शामिल कर जनता के बीच में ले जाना चाहती है, लेकिन यहां सवाल यह उठता है, की क्या मेट्रो ट्रेक को तैयार करने की यह गति आगे भी जारी रहेगी। हालाकिं भाजपा जिस मेट्रो ट्रेन को विधानसभा चुनाव 2023 में भुनाना चाहती है, उस काम की शुरुआत कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने कर दी थी। इन दिनों मेट्रों ट्रेन का ट्रेक तैयार करने वाली कंपनी के काम ने सभी को चौका दिया है। शहर में सालों से अधूरे पड़े कई प्रोजेक्ट के बीच मेट्रो ट्रेन के ट्रेक का निर्माण की गति ने सबको आश्चर्य में डाल दिया है। एमआर 10 से आगे बढ़ने के बाद कंपनी ने विजयनगर पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। यहां पर सेगमेंट लॉचिंग का काम शुरू हो गया है।

इससे तहत सैकड़ों टन बजनी स्ट्रक्कर को क्रेन की मदद से सेगमेंट लॉचिंग के माध्यम से लगाने का काम किया जा राग है। सेगमेंट लॉचिंग के साथ ब्रिज बनना शुरू गया है। वहीं विजयनगर से रेडीसन और वहां से रोबोट चौराहे तक बीच में सेगमेंट लॉचिंग का काम शुरू हो गया है, कंपनी अब सात दिन में एक पिलर कम्पलीट करके आगे बढ़ाते जाएगी। ये मेट्रो ट्रेन का ट्रेक तैयार करने के लिए सबसे बड़ी खबर है, लेकिन मेट्रों ट्रैन के ट्रेक की ये गति अगले चरण में भी जारी रहेगी यह सबसे बड़ा सवाल है, क्योंकि मेट्रों ट्रेन के ट्रेक निर्माण को लेकर मुसीबतों का पहाड़ तो यहीं से शुरू होने वाला है।

चर्चाए हुई, कागजी प्रक्रिया अब तक अधूरी
सरकारी विभागों और निजी जमीनें लेने के लिए अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। कॉरिडोर पर कनाड़िया रोड, पत्रकार कॉलोनी चौराहा से पलासिया के बीच, रीगल और उससे आगे सरकारी जमीनें हैं, जिन्हें लेने की कागजी प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। बाधक धर्मस्थलों को लेकर स्थिति साफ नहीं है। इन सब की शिफ्टिंग को लेकर भी प्रशासन को आम सहमति से काम करना होगा।

 

रोटरी को लेकर कोई योजना नहीं
बापट चौराहा पर भाजपा के पितृपुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा तथा विजयनगर चौराहे पर रोटरी भी मेट्रो ट्रेक के आड़े आ रही है। इन्हें हटाने के लिए कई बार निगम ने कोशिश की, मगर सफलता हासिल नहीं हो सकी। प्रतिमा अन्यत्र स्थानांतरित करने को लेकर निगम भाजपा नेता से उचित स्थान मांग रहा है। अब तक स्थान का चयन नहीं हो सका। वहीं, विजयनगर चौराहे की रोटरी भी न हो हट पा रही है और न उसका आकार छोटा हो रहा है। जब तक दोनों बाधाएं नहीं हटेगी,काम रुका पड़ा रहेगा।

 

बापट चौराहे तक 70 फीसदी पायलिंग का काम पूरा
बापट चौराहे पर लगी एक मशीन युद्ध स्तर पर पायलिंग का काम कर रही है। यहां एक साथ छह से सात मशीनें लगी हुई है। दूसरे रूट से फ्री होने वाली पायलिंग के लिए एक ही स्थानों पर भेज दी गई है, ताकि समय सीमा में काम पूरा हो जाए। एमआर-10 से विजयनगर, रेडीसन होते हुए बापट चौराहे तक 70 फीसदी पायलिंग का काम पूरा हो चुका है। इसीलिए अब 17 से 19 पिलर तक जरूरत है, तो फटाफट पायलिंग काम पांच से सात स्थानों पर चल रहा है। क्योंकि जमीन क्लीयर मिल गई है तो काम की रफ्तार भी बढ़ गई है।

पहले चरण में मेट्रो की लागत 7500.80 करोड़
इंदौर मेट्रो की लागत 7500.80 करोड़ है। इसमें 20 प्रतिशत एक्विटी भारत सरकार, 20 प्रतिशत राज्य सरकार और बाकी 60 प्रतिशत राशि बैंक लोन के जरिए ली जा रही है। 16 स्टेशन और 10.9 किमी के वाया डक्ट को आरएनवीएल द्वारा तैयार किया जा रहा है। मेट्रो का डिपो गांधीनगर में रहेगा, जिसका काम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इंदौर में मेट्रो के कोच के लिए एमपीएमआरसीएल पिछले महीने ही टेंडर बुला चुका है।

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