शंघाई (सीएनएन)। चीन की कम्यूनिष्ट सरकार द्वारा चलाए जा रहे निजीकरण के बाद 4000 से अधिक बैंकों द्वारा पिछले एक माह में अपने यहां ग्राहकों का जमा पैसा वापस करने से मना करने के बाद अब यहां हालात दयनीय हो रहे हैं। हजारों बैंक कंगाल हो चुकी हैं। पैसा लेने आ रहे लोगों पर लाठियों और गोलियों से पुलिस हमला कर रही है। लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार के कहने पर लाखों खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। चीन का मीडिया जो केवल सरकार के पक्ष में खबरें देता है उसने अभी तक यह खबरें दिखाना शुरू नहीं की है। चीन में चालीस लाख से ज्यादा लोगों का पैसा बैंकें देने को तैयार नहीं है। लाखों करोड़ रुपया लोगों का बैंकों में उलझ गया है। चीन इस समय घोर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। लगातार चीनी रुपये की कीमत गिरने के साथ बेरोजगारी भी चरम पर है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के छोटे-बड़े 4000 बैंक बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। 4 लाख से ज्यादा खाताधारकों के हजारों करोड़ रुपए दांव पर लगे हैं। हेनान प्रांत के चार बैंकों के कैश निकासी पर बैन लगा दिया गया है। लोग अपने बैंक खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। इतना ही नहीं बैंक के वेबसाइट भी काम नहीं कर रहे हैं। चीन की मैगजीन सैनीलान लाइपवीक ने अप्रैल में अपनी इक रिपोर्ट में लिखा था कि 40 लाख खाताधारक अपने बैंक खाते से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं।
खाताधारकों हर बार बैंक की तरफ से मैसेज आता है कि बैंक में मेंटिनेंस का काम चल रहा है। चीन की यूजो शिनमिनशेंग विलेज बैंक, सांगकाई ह्यूमिन काउंटी बैंक, शेचेंग हांग्वाई कम्युनिटी बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ काइफेंग से काताधारक पैसे नहीं निकाल पाने की वजह से परेशान है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में मौजूद 3902 रिजनल बैंकों के खाताधारकों को इस परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा है। चीन में आई इस बैंकिंग क्राइसिस से परेशान लोग मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। नाराज लोगों ने बैंकों के सामने जमा होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की झेंग्झौ ब्रांच के सामने बड़ी संख्या में लोगों जमा हैं और अपने पैसों की निकासी के लिए लगातार मांग कर रहे हैं। लोगों का प्रदर्शन दिन पर दिन उग्र होता जा रहा है तो वहीं चीनी सरकार ने प्रदर्शन कर रहे खाताधारकों को वहां से भगाना शुरू कर दिया।