नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर में बिजली बेच रही कंपनियां अब 60 से 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने जा रही है। यदि आपके घर बिना सूचना के बढ़ा हुआ बिल आए तो जांच कर लें। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने बिजली उत्पादक कंपनियों को कीमतें बढ़ाने के लिए हरी झंडी दे दी है। इसका कारण यह है कि अब भारत विदेशी कोयले के आयात से बिजली पैदा करेगा। विदेशी कोयला 18 हजार रुपए टन खरीदना पड़ रहा है, जबकि भारतीय कोयला 2 से 3 हजार रुपए टन मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत कोयला उत्पादक देशों में विश्व में तीसरे नंबर पर आता है। माना जा रहा है बिजली कंपनियों से वितरण कंपनियों तक पहुंचने के बाद यह कीमत 1 रुपए यूनिट तक बढ़ जाएगी।
केन्द्र सरकार अब अपने कई बोझ आम आदमी पर डालने की तैयारी शुरू कर चुकी है। कई राज्यों द्वारा दी जा रही मुफ्त बिजली के कारण बिजली उत्पादक कंपनियों का राज्यों पर 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया हो चुका है, जिन्हें राज्य सरकार देने के लिए कोई तैयारी नहीं कर रही है। इधर इसके चलते उत्पादक कंपनियों ने देश की कोयला कंपनियों से खरीदे गए कोयले के पैसे देने से हाथ ऊंचे कर दिए हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों एक राहत पैकेज बिजली उत्पादक कंपनियों को दिया था, जिसमें वे पुरानी देनदारी चुकाने के लिए बैंकों से कर्ज रियायती दरों पर ले सकेंगी, परंतु कंपनियों ने कर्ज नहीं उठाया। अब उत्पादक कंपनियां भारतीय कोयला छोड़कर विदेशी कोयला आयात कर रही है। इसका सारा बोझ आम आदमी पर सीधे पड़ेगा। हर घर जो सामान्य स्थिति में भी 300 यूनिट तक बिजली जलाता है, उस पर 300 रुपए का अतिरिक्त भार हर महीने बिजली के बिल का पड़ेगा। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने भी बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए स्वीकृति दे दी है।
मध्यप्रदेश में पिछले दिनों 16 पैसे बढ़े मध्यप्रदेश पर भी बिजली कंपनियों का बड़ा रुपया बाकी है। इसके अलावा बिजली कंपनियों के घाटे अलग से अपनी कहानी कह रहे हैं। पिछले दिनों भी कंपनियों ने बिना सूचना के 16 पैसे यूनिट की वृद्धि कर दी है। अब अगले 1 माह के अंदर ही महंगी बिजली घरों पर पहुंचना शुरू हो जाएगी।