वार्ड परिक्रमा क्षेत्र क्र. 1 : दो वार्डों में भाजपा के विद्रोहियों ने समीकरण उलझाए तो दो वार्डों में कांग्रेस को बढ़त

6 बार के जीते रेडवाल और दो-दो बार के जीते विनितिका दीपू यादव और संतोष गौर आमने-सामने, एक वार्ड में मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

इंदौर। क्षेत्र क्रमांक एक वार्ड क्रमांक 9,10,11,12 ओर 13 के चुनावी समीकरण दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं। दैनिक दोपहर की वार्ड परिक्रमा में वार्डों की जमीनी हकिकत से पाठकों को रूबरू करवाया जा रहा हैं। इसमें जहां बाणगंगा क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त दिखाई दे रही हैं तो वहीं दो वार्डों में भाजपा इस बार भी कांग्रेस पर भारी रहेंगी। दो वार्डों को समीकरण भाजपा के विद्रोहियों ने बिगाड़ दिए है। भागीरथपुरा में मांगीलाल रेडवाल कांग्रेस ओर भाजपा दोनों के ही बुंदे बैठ गए हैं। इस बार वार्डों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा होने की संभावना भी बन गई है। उम्मीदवारों को चिंता हैं कि उनके वार्ड की कई बस्तियां यदि बारिश हुई तो जल मग्न हो जाएंगी। ऐसे में उन्हें नई मुसीबत का सामना करना पड़ेंगा।

वार्ड क्रमांक 9 वृंदावन कॉलोनी
पुरुष 10617 महिला 9672 आबादी 20289।


यह वार्ड कुम्हार समाज के अलावा साहू ओर ब्राह्मण के अलावा जयसवाल समाज के प्रभावी ओर निर्णायक मत से भरा हुआ है। यह वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए अनारक्षित रहा है। भाजपा ने यहां अपने जमीनी कार्यकर्ता राहूल जायसवाल के प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस ने भी जायसवाल समाज के ही लवेश जायसवाल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस उम्मीदवार को जीताने की कमान पूर्व पार्षद सर्वेष तिवारी ने संभाल रखी है। तिवारी महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला के कट्टर समर्थक हैं। यहां पर जायसवाल समाज के कई परिवार अन्य समाजों में भी प्रभाव रखते हैं। इसीलिए पूरा चुनाव जयसवाल समाज के ऊपर ही टीक गया है। पिछले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने यहां 748 वोटों की बढ़त हांसिल की थी। वहीं विधानसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस ने 1681 वोटों की लीट बरकरार रखी थी। क्योंकि वार्ड में दोनों ही उम्मीदवार ताकतवर हैं फिर भी यह देखना होगा कि भाजपा यहां बढ़त इस बार ले पाती हैं या नहीं। वहीं दूसरी ओर इस वार्ड़ की कई बस्तियां बारिश में मुसीबत के घर बन जाती है। यदि मतदान के पहले झमाझम बारिश हुई तो इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। भाजपा प्रत्याशी राहुल जायसवाल को चनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है और उनके साथ वार्ड में कोईबड़ा नेता भी सक्रिय नहींहै, न ही वार्ड के कार्यकर्ता जनसम्पर्क में दिख रहे हैं। फिलहाल यह वार्ड विधानसभा चुनाव के आधार पर कांग्रेस की बढ़त का है।

वार्ड क्रमांक 10 बाणगंगा-

पुरुष 9969, महिला 9393
कुल मतदाता 19362


वार्ड क्रमांक 10 कांंग्रेस के ताकतवर नेता ओर पूर्व विधायक रहे रामलाल यादव (भल्लू भैया) के प्रभाव में रहा है। इस वार्ड से विधानसभा चुनाव लड़ चुके दीपू यादव के धर्मपत्नी विनितिका यादव तीसरी बार मैदान में हैं और वे लगातार दो बार से इस वार्ड से अच्छी बढ़त के साथ चुनाव जीत रही हैं। इस बार भी तमाम घमासान के बाद भी कांग्रेस की झोली में जाता दिखाई दे रही हैं। हांलाकि भाजपा ने अपने पूर्व एमआईसी सदस्य और दो बार के पार्षद रहे संतोषसिंह गौर को मैदान में उतारा है। यह वार्ड यादव समाज के अलावा ब्राहमण, बलाई, वैश्य एवं मजदूरों के प्रभाव का माना जाता है। इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णुप्रसाद शुक्ला, फूलचंद वर्मा, गोलू शुक्ला जैसे दिग्गजों का वार्ड भी है। संतोष गौर के संजय शुक्ला से पारिवारिक रिश्ते भी बताए जा रहे हैं, परन्तु इस बार इसका लाभ कितना मिलेंगा यह देखना होगा। दूसरी ओर विनितिका दीपू यादव यहां से पिछली बार भी 4111 मतों से विजय रही। विधानसभा में भी कांग्रेस ने वोटों की बढ़त बनाए रखी ओर 4024 वोट से कांग्रेस यहां से जीती थी। इस बार भी इस वार्ड के समीकरण कांग्रेस के ही पक्ष में है।

वार्ड 11 भागीरथपुरा-
पुरुष 9977, महिला 9505
कुल मतदाता 19482


इस बार भागीरथपुरा का वार्ड भी कड़े मुकाबले में आ गया है। यहां से लम्बे समय से कांग्रेस ओर उसके बाद भाजपा से जीत रहे मांगीलाल रेडवाल को भाजपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया है। वे यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने यहां से पूर्व महामंत्री कमल वाघेला को प्रत्याशी बनाया हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने रमेश बिजवे को उतारा हैं। इन दोनों के बुंदे छह बार के जीते पार्षद मांगीलाल रेडवाल बैठ गए हैं। इस बार भी समाज के समीकरण को देखते हुए इस सीट पर रेडवाल भारी दिखाई दे रहे हैं। रेडवाल के प्रजापत समाज की आबादी यहां अच्छी-खासी हैं। यह वार्ड लम्बे समय तक कांग्रेस के पक्ष में रहा है, फिर मांगीलाल रेडवाल की उम्मीदवारी के विवाद के बाद वे भाजपा में चले गए ओर विजय रहे। पिछली बार मांगीलाल रेडवाल की पत्नि भागवंती रेडवाल 3532 वोटों से विजय रही थी। तो वहीं कांग्रेस भी यहां 1418 वोटों से बढ़त बनाने में सफल रही। इसके पूर्व भी मांगीलाल रेडवाल भी यहां से लगातार विजय होते रहे हैं, इस बार भी उनके वापस निर्दलीय में आने के कारण कांग्रेस यहां पर तीसरे नम्बर की स्थिति में दिखाई दे रही हैं। हालांकि रेडवाल की जीत को भी कांग्रेस अपने ही पक्ष में मान रही है।

वार्ड 12 गोविंंद कॉलोनी
पुरुष 1226 महिला 11350
कुल मतदाता 23611


यह वार्ड वर्षों से दर्जी समाज के प्रभाव का रहा है। यहां दर्जी समाज का मतदान निर्णयक होता हैं, इस बार भाजपा की तरफ से यहां सीमा कृष्णवल्लभ डाबी को मैदान में उतारा हैं वे इसी समाज से आती है। इस वार्ड में 4500 वोट इसी समाज के है। दूसरी ओर कांग्रेस ने यहां से राजनंदनी कोमल सोनी को प्रत्याशी बनाया है। यह वार्ड लम्बे समय से भाजपा के अनुकुल रहा है। पिछले चुनाव में भी यहां भाजपा ने बढ़त बनाई थी। हालांकि भाजपा की राह में भाजपा के ही पुराने ताकतवर नेता रमेश मोहिते की पत्नि के बागी होने के कारण इस बार यह वार्ड भाजपा के लिए कठिन हो गया है। रमेश मोहिते यहां भाजपा के ही वोटों में सेंध लगा रहे हैं। इसका लाभ यहां कांग्रेस को आंशिक रूप से मिल सकता है। यहां पर विधान सभा चुनाव में कांग्रेस 245 वोटों की बढ़त पर थी। इस वार्ड जीत-हार इस बार भी 200 से 300 वोटों के बीच ही होगी।

वार्ड 13 संगम नगर :

पुरुष 12494 महिला 11640

कुल मतदाता 24134


यह वार्ड मध्य प्रदेश शासन में मंत्री उषा ठाकुर के प्रभाव का माना जाता है। यहां पर उतारे गए उम्मीदवार उनकी सहमती से ही मैदान में उतारे जाते हैं। इस वार्ड से पूर्व पार्षद पराग कौशल को उम्मीदवार बनाया गया है जो उषा ठाकुर के करीबी हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार पूजा भंडारी को उतारा है। यह वार्ड भाजपा वार्ड कहलाता हैं, ओर यहां ब्राह्मणों की संख्या ज्यादा है। पिछले चुनाव में भी यहां 6030 वोटों की बढत भाजपा ने बनाई थी, तो वहीं विधान सभा चुनावों में भी संजय शुक्ला ब्राह्मण वोटों में सेंध नहीं लगा पाए थे। विधानसभा चुनावों में भी यहा भाजपा ने 2420 वोटों की बढ़त बनाई थी। इस वार्ड का समीकरण बदलने के लिए इस बार कांग्रेस की स्थिति कम ही दिखाई दे रही है। उषा ठाकुर ने चुनाव के अंतिम दिनों में खुद इस वार्ड की कमान अपने हाथ में लेने के संकेत दिए है।

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