नई दिल्ली। जीएसटी की दरों को लेकर ग्रुप ऑफ मीनिस्टर्स की बैठक में कई सामानों और सुविधाओं को टैक्स के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। इसमें कई छोटी सेवाएं भी शामिल है। वहीं पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे से कई सामान 8 प्रतिशत के शुल्क में लाने पर सहमति बन गई है। इसके अलावा 1000 रुपए से कम किराया लेने वाले होटलों के अलावा 5000 रुपए से कम के अस्पताल पलंगों को भी जीएसटी के दायरे में लेने के साथ ही करीब 100 से अधिक सामान अब 8 फीसदी के दायरे में शामिल हो जाएंगे।
राज्यों को इस माह के अंत से जीएसटी की मिलने वाली क्षतिपूर्ति केन्द्र सरकार बंद करने जा रहा है। इसके कारण राज्यों को राजस्व का बड़ा नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए जीएसटी काउंसिल बड़ी तादाद में अभी तक टैक्स के दायरे से बाहर के सामानों को जीएसटी के दायरे में लेने जा रही है। इसमें 100 से अधिक सामान शामिल होंगे, जिसमें कई खाद्यान से जुड़े सामान भी हैं। इसके अलावा बीमा सेवाओं और सर्विस क्षेत्र की कई सुविधाएं 18 प्रतिशत टैक्स के दायरे में शामिल हो जाएंगी। इलेक्ट्रानिक कचरे पर भी अब 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश में पहले से ही महंगाई असहनीय स्तर पर बनी हुई है। नए टैक्स के बाद एक बार फिर महंगाई पर तड़का लगेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक 27-28 जून को श्रीनगर में होने जा रही है। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी की दरें बढ़ाने को लेकर सहमति देंगे। हालांकि यह बैठक बड़ी हंगामेदार होगी।