(आशीष साकल्ले अटल) इंदौर। आप मानें या न मानें लेकिन इस बार नगरीय निकाय चुनाव काफी रोमांचक होने जा रहे हैं। वजह यह कि इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों व्दारा चुनावी संग्राम में आम आदमी पार्टी (आप) के अलावा असदुद्दीन ओबैसी की एआईएमआईएम भी मुुस्लिम वार्डों में अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। आम आदमी पार्टी जहां भाजपा की राह में रोड़ा बनने जा रही है, वहीं एआईएमआईएम कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है।
यहां पर यह प्रासंगिक है, कि भाजपा और कांग्रेस की तर्ज पर ही इंदौर नगर पालिक निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी भी सभी 85 वार्डों और महापौर के पद पर अपने प्रत्याशी उतार चुके हैं। दूसरी ओर, असदुद्दीन ओबैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी कई वार्डों में अपने प्रत्याशियों को उतार चुकी है। मजेदार बात यह है कि ओबैसी की पार्टी ने अधिकांश मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में अपना प्रत्याशी उतारा है। चूंकि आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली के बाद पंजाब में मिली भारी जीत से उत्साहित है और इसी के चलते अब मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में अपने पैर जमाना चाहती है। इसी के मद्देनजर, आप ने इंदौर नगर निगम के महापौर सहित सभी 85 वार्डों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं।
भाजपाइयों के अरमानों पर झाड़ू फैरेंगे आप प्रत्याशी देखा जाए तो आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भाजपा के ही प्रत्याशियों के अरमानों पर झाड़ू फैरेंगे। वह प्रत्याशी कौन हो सकते हैं, यह तो भविष्य के गर्भ में है। बावजूद इसके इतना तय है कि भाजपा और कांग्रेस से नाराज मतदाता इस बार नोटा की बजाए आप को वोट देंगे। हालाकि, यह भी तय है कि आप प्रत्याशी अपनी जमानत बचा लें, यही बहुत होगा किन्तु नतीजे जरूर बदलने की ताकत रखते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान भाजपा को ही होना है, क्योंकि कांग्रेस के पास खोने को कुछ भी नहीं है।
भाजपा की बी टीम के रूप में लोकप्रिय है ओबैसी की पार्टी यहां पर महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पिछले दिनों देश के विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह असदुद्दीन ओबैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पानी पी-पीकर भाजपा को कोसा और अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर अपना जलवा बिखेरा, उससे भले ही भाजपा को नुकसान नहीं हुआ किन्तु कांग्रेस की मिट्टी पलीत हो गई। कई राज्यों में तो ओबैसी की पार्टी के प्रत्याशियों की वजह से कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। इसका फायदा कुल मिलाकर भाजपा को ही हुआ और यही वजह है कि विपक्षी दल ओबेसी की पार्टी को भाजपा की ही बी टीम करार देते हैं।
ओबेसी की पार्टी कर सकती है कांग्रेस प्रत्याशियों के पटिये उलाल इधर, असदुद्दीन ओबैसी की पार्टी एआईएएमआईएम भी महानगर के मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है। इन वार्डों में भी कांग्रेस से नाराज मतदाता नोटा की बजाए ओबेसी की पार्टी के प्रत्याशियों को ही वोट देकर अपनी नाराजगी का इजहार करेंगे। इससे जहां कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खडी हो सकती है, वहीं इसका फायदा मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी या भाजपा उम्मीदवार को हो सकता है। कुल मिलाकर नुकसान कांग्रेस का ही होना है।
कहां-कहां असर डालेंगे एआईएमआईएम के प्रत्याशी देखा जाए तो असदुद्दीन ओबेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने इंदौर नगर पालिक निगम के कुल 85 वार्डों में से सिर्फ एक दर्जन मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में ही अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसलिए वार्ड क्रं.1 सिरपुर, वार्ड क्रं. 2 चंदननगर, वार्ड क्रं..8 जूना रिसाला, वार्ड क्रं. 38 हाजी कालोनी, वार्ड क्रं. 39 नाहरशाह वली, वार्ड क्रं. 52 मूसाखेडी, वार्ड क्रं. 53 डा. मौलाना आजाद नगर, वार्ड क्रं. 58 इमली बाजार, वार्ड क्रं. 60 रानीपुरा, वार्ड क्रं68 बंबई बाजार एवं वार्ड क्रं. 73 गुलजार कालोनी में ओबेसी के प्रत्याशी कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं। इधर, वार्ड क्रं. 78 राऊ में भी मुस्लिम मतदाता ही निर्णायक भूमिका का निर्वाह करेंगे।