इंदौर। अंतत: भाजपा ने लंबी खींचतान के बाद इंदौर से पुष्यमित्र भार्गव के नाम को हरी झंडी दिखा दी। भाजपा में इसी के साथ कई और सवाल भी तैरने लगे हैं। भाजपा अब आने वाले समय में नए युग का सूत्रपात युवाओं के साथ शुरू करेगी। अस्सी के दशक से शहर में राजनीति कर रहे तमाम नेता अब आने वाले समय में पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे, खासकर वे नेता, जो साठ साल के लगभग अब पहुंच रहे हैं। इसी के साथ भाजपा और ब्राह्मण समाज में इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है कि जब भाजपा उम्मीदवारी को लेकर मधु वर्मा के नाम पर भी विचार कर रही थी तो फिर क्षेत्र क्रमांक दो के विधायक रमेश मेंदोला के नाम पर विचार क्यों नहीं हो सका।
भाजपा का अगला कदम अब शहर में विधानसभा उम्मीदवारों को लेकर भी इसी प्रकार का रहेगा। इसमें अब कई दिग्गज भाजपा से मुक्त हो चुके रहेंगे, यानी हर विधानसभा में अब नए चेहरे दिखाई देना शुरू हो जाएंगे।महापौर की उम्मीदवारी को लेकर डॉ. निशांत खरे के नाम को रोकने में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अहम भूमिका रही। उन्हीं के वीटो पॉवर इस्तेमाल के कारण इस नाम को पीछे हटाना पड़ा। जब विवाद दिल्ली द्वारे पहुंचा तो यहां पर गृहमंत्री अमित शाह के दो टूक फैसले ने पूरे समीकरण ही बदल दिए। सूत्र बता रहे हैं अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया था कि इंदौर को लेकर कैलाश विजयवर्गीय की सहमति के बिना फैसला नहीं होगा। इसके बाद पुष्यमित्र भार्गव के नाम पर सहमति बनाने के प्रयास शुरू किए गए।
हालांकि इस नाम पर भी प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा की कोई सहमति नहीं थी। दूसरी ओर भाजपा अब पूरे प्रदेश में ही एक बार फिर नए सिरे से अगले पंद्रह सालों के लिए टीम खड़ी करने को लेकर तैयारी कर रही है और इसीलिए वह हर जोखिम उठाने की तैयारी भी कर चुकी है। इसी के तहत कई स्थापित नेताओं को दरकिनार कर पुष्यमित्र भार्गव के नाम को सहमति मिली। इसी के साथ अब आने वाले समय में लगभग हर विधानसभा में पूरी तरह नए चेहरे मैदान में होंगे।
कई स्थापित नेता अब सक्रिय राजनीति से पीछे हटाने की तैयारी के साथ बाहर हो जाएंगे। इसमें सुदर्शन गुप्ता से लेकर रमेश मेंदोला और मालिनी गौड़ तक प्रभावित होंगे तो वहीं महेंद्र हार्डिया सहित जीतू जिराती, मधु वर्मा, गोपी नेमा, उमेश शर्मा, भंवरसिंह शेखावत सहित सभी उम्रदराज हो रहे नेता अब भाजपा के सलाहकार नेताओं में शामिल हो जाएंगे। आने वाले समय में गौरव रणदिवे की ही तरह टीनू जैन, गोलू शुक्ला, आकाश विजयवर्गीय, एकलव्य गौड़ सहित कई युवा नेता मैदान में दिखाई देंगे। भाजपा द्वारा आज जारी हो रही पार्षद उम्मीदवारों की सूची भी कुछ इसी प्रकार के प्रभाव में दिखाई देगी। इसमें इस बार युवाओं को भरपूर तरजीह दी गई है तो कई दिग्गज पार्षद दौड़ से बाहर हो गए हैं।