इंदौर। नगर निगम चुनाव की तरीख का एलान होते ही भाजपा कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों के दावेदार टिकिट के लिए सक्रिय हो गए है। कांग्रेस इस बार टिकिट वितरण को लेकर जल्दबाजी में नहीं है, लेकिन इस बार भी कांग्रेस का मैनेजमेंट फैल होता है, तो फ्री फ़ॉर ऑल की स्थिति बन सकती है, उधर भाजपा पार्टी पार्षद के टिकिट पर पार्टी की गाइडलाईन के संकेत मिलने पर टिकिट वितरण पर फैसला लेगी। भाजपा में रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने की तैयारी है, और अगर ऐसा होता है, तो इस बार नए युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी रहेगी। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर शहर के 85 वार्ड में भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टी के दावेदार पार्टी कार्यालय से लेकर शहर में सक्रिय हो गए है। दोनों ही पार्टी में टिकिट वितरण को लेकर गाइडलाईन बनाने पर काम चल रहा है, लेकिन इसके लिए भजपा और कांग्रेस दिनों पार्टियां एक दूसरे की रणनीति पर ध्यान दे रहे है, कांग्रेस ने इंदौर में महापौर पद के लिए संजय शुक्ला का नाम फाइनल कर दिया है। भजपा में इसके लिए मंथन जारी है, भजपा इस बार महापौर पद के लिए नए चेहरे पर दाव खेल सकती है।लेकिन दोनों ही पार्टी में पार्षद के टिकिट वितरण को लेकर स्थितियां स्पष्ठ नहीं हो पा रही है।
टिकिट बाटने को लेकर कांग्रेस जल्दबाजी में नहीं कांग्रेस में अनुसाशन हर बार फैल होता है। इस बार भी इस हुआ, तो पर्षद के टिकिट को लेकर फ्री फ़ॉर ऑल की स्थिति बन सकती है। वैसे इस बार कांग्रेस पार्टी भी नगरीय निकाय चुनाव में भजपा से सीधा मुकाबला करने के मूड़ में है, इसलिए भजपा की रणनीति को ध्यान रहकर ही टिकिट वितरण का फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस में फिलहाल महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष का विरोध भी चल रहा है, वहीं अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता टिकट की जुगाड़ में लग गए है। अब कांग्रेस विरोधियों को मनाने में कामयाब होती है, तो यह चुनाव कांग्रेस के लिए थोड़ा आसान हो जाएगा।
भाजपा में भी पार्षद के दावेदारों में असमंजस भाजपा में संगठन के नाम से विरोधियों दबाने का प्रयास होता है, और उसमें सफलता भी मिलती है। राष्ट्रीय अध्य्क्ष जेपी नड्डा ने महापौर प्रत्याशी के लिए पार्टी गाइड लाइन बताकर नेता पुत्रों को निराश कर दिया है, वहीं पार्षद के दावेदारों पर भी यही फार्मूला लागू होता है इसकी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं की है, ऐसे में भाजपा में पार्षद के दावेदार पार्टी में अपनी सक्रियता दिखाने जे साथ टिकिट को लेकर असमंजस में है। इन सबके बीच दावेदार टिकिट के लिए इदौर से भोपाल और दिल्ली तक जोर आजमाइश में लग गए है, लेकिन दोनों ही पार्टियां इस बार नए तरीके से टिकिट वितरण के फार्मूले पर काम कर रही है, इसलिए इस बार के चुनाव प्रचार से लेकर परिणाम तक बेहद रोमांचक होने जा रहे है।