इंदौर (शार्दुल राठौर)। स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद शहर में सेवन स्टार रेटिंग सर्वे के लिए सर्वे टीम इंदौर पहुँच चुकी है। टीम को लेकर निगम अधिकारी अलर्ट मोड पर दिखाई दिए। इस बार सर्वे टीम निगम के एनजीओ के सदस्यों को साथ लेकर सर्वे करती दिखी। सुदामा नगर में सेवन स्टार रेटिंग के लिए टीम के सदस्यों ने उद्यान, फुटपाथ और और कालोनियों की सड़क की सफाई व्यवस्था की जानकारी ली।
शुक्रवार को निगम निगम के अधिकारियों को सेवन स्टार रेटिंग सर्वे के लिए अलर्ट किया गया था, जिसको ध्यान रखकर निगम की टीम में हलचल देखी गई। जोनल अधिकारी से लेकर निगम के एनजीओ की टीम ने सर्वेक्षण पॉइंट पर पहुँच कर प्री सर्वे की रिहर्सल भी कर ली। पिछले दिनों सर्वेक्षण पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी का मौका मुवायना करने टीम के सदस्य इंदौर पहुँचे है।
सेवन स्टार रेटिंग सर्वे की लाइव रिपोर्ट सुदामा नगर के ई सेक्टर में स्वछता सर्वेक्षण के लिए टीम पहुँचने से पहले निगम के अधिकारी एक दिन पहले ही अलर्ट मोड़ पर आ गए थे। यहां निगम की हलचल देख राहवसियों ने फीडबेक ले रहे टीम के सदस्यों को जानकारी दी, की यहां आज टीम आई है, तो सफाई व्यवस्था दुरुस्त है, जबकि नियमित इस तरह के इंतजाम नहीं रहते है, जो आज दिखाई दे रहे है। यह सब देख निगम के अधिकारियों ने राहवसियों की शिकायत पर करवाई की बात कहकर मामला शांत कराया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने कुछ फोटो लेकर सफाई व्यवस्था को अपने कैमरे में कैद किया। इस दौरान उन्होंने सड़क , फुटपाथ और गार्डन में रखे डस्टबीन के फोटो भी लिए। स्वछता टीम के जाते ही निगम की टीम भी रवाना हो गई।
प्री सर्वे की बात भी सामने आई बाद में यह बात भी सामने आई की स्वछता की टीम ने जब सवेक्षण पॉइंट में शामिल दयाल गुरु गार्डन का रुख नहीं किया तो,एनजीओ के सदस्यों ने ही टीम के लिए सर्वे कर दिया। क्योकि सेवन स्टार रेटिंग टीम ने राहवसियों का फीडबेक लेने के बाद यह कहा कि यह प्री सर्वे चल रहा है, जबकि सेवन स्टार रेटिंग सर्वे के लिए के लिए निगम के अधिकारी दो दोनों से यहां डेरा डाले बैठे थे, जैसे ही प्री सर्वे खत्म हुआ निगम के अधिकारयों की टीम भी मौके से रवाना हो गई। बताया जा रहा है, की जिन स्थनों पर सेवन स्टार रेटिंग टीम को जाना था, और वो नहीँ जा पाई वहां निगम के एनजीओ से जुड़े सदस्यों से ही जानकारी मांगी जा रही है। सेवन स्टार रेटिंग के लिए निगम ने 25 मार्च को पोर्टल पर सभी तरह का डाटा भी अपलोड कर दिए थे।
निगम ने की पहले से तैयारी सफाई मित्रों को प्रशिक्षण, बैकलेन के सौंदर्यीकरण, सडक़, फुटपाथ की सफाई-धुलाई, 6 तरह के कचरे का अलग-अलग एकत्रीकरण सहित निगम ने कई नए काम भी विगत एक वर्ष में शुरू किए थे। वॉटर प्लस के एक हजार अंक निगम को मिल चुके हैं। अब सेवन स्टार के 1250 अंक मिलना शेष हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत केन्द्र सरकार हर साल कुछ नए मापदंड भी तय करती है। विगत 5 सालों से स्वच्छता में तो निगम नम्बर वन आ रहा है, और वॉटर प्लस-प्लस में भी उसने श्रेष्ठता साबित की। अब सेवन स्टार रेटिंग के लिए वह दौड़ में आगे है। स्वच्छता मिशन में कुल साढ़े 7 हजार अंकों में से 3 हजार अंक सर्विस लेवल प्रोसेस के और 1250 अंक सिटीजन वाइस यानी नागरिकों द्वारा दिए जाने वाले अंक से और 2250 प्रमाणीकरण के जरिए हासिल होते हैं। पिछले दिनों स्वच्छता का सर्वे सम्पन्न हुआ, जिसमें निगम छठवीं बार नम्बर वन में आगे है।