इंदौर। जैसे ही नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा हुई वैसे ही भाजपा में महापौर चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की लंबी फेहरिस्त संगठन के पास पहुंच गई है, लेकिन संगठन द्वारा जब ये तय हुआ कि टिकट वितरण प्रणाली में डॉक्टर, वकील, सीए सहित सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करने वालों को भी मौका दिया जाएगा, जो संगठन का कार्य भी ईमानदारी व जिम्मेदारी से निभाते हैं। वैसे ही अनेक नाम सामने आए हैं जो भाजपा संगठन के कार्य के साथ समाजसेवा में भी सलंग्न है। वही शहर की तासीर को भी समझते हैं। ऐसे ही सियासत के पीछे कार्य करने वाले भी भाजपा में कम नहीं है। प्रमुख रूप डॉक्टर दिव्या गुप्ता, समाजसेवी दिनेश गुप्ता, वरिष्ठ अभिभाषक मनोज द्विवेदी, उच्च न्यायालय में पुष्पमित्र भार्गव, डॉक्टर निशांत खरे ऐसे चेहरे हैं जो महापौर उम्मीदवार हो सकते हैं। डॉक्टर दिव्या गुप्ता – डॉक्टर गुप्ता सीधे दिल्ली से जुड़ी हैं। उनके जहां पारिवारिक रिश्ते भाजपा के पितृ पुरुष कहलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी से हैं तो प्रधानमंत्री से भी उनका अपनी समाजसेवा के माध्यम से परिचय बना हुआ है। गुप्ता एक सामाजिक संस्था का संचालन करती है। महिलाओं के लिए रोजगार उपलब्ध करवाना भी उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। संस्था ज्वाला के नाम से वे एनजीओ चलाती है। कोरोना काल में उन्होंने अनेक कार्य किए हैं।
दिनेश गुप्ता गुप्ता की पृष्ठभूमि संघ रही है। साथ ही वे सियासत को समझने के साथ ही सभी से तालमेल बिठा कर कार्य करते रहे हैं। गुप्ता संघ की विचारधारा के प्रमुख स्वदेश अखबार में भी महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं। वे संघ के कई पदो पर भी बने रहे थे।
मनोज द्विवेदी पेशे से वकील द्विवेदी पार्टी की विचारधारा से शुरू से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक हैं। शुरू से पार्टी के लिए लड़ते हुए विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोला है व कानूनी लड़ाई भी जीती है। कई बार वे उच्चतम न्यायालय में सरकार के संकट मौचक भी रहे वे प्राधिकरण में भी सलाहकार से रूप में अपनी सेवाएं दे चुके। साथ ही अखिल भारतीय विघार्थी परिषद से उनका रिश्ता रहा।
डॉक्टर निशांत खरे कोरोना काल में सरकार व प्रशासन के बीच समन्वयक का कार्य करते हुए महती जिम्मेदारी निभाई है व शहर को महामारी से बचाने के लिए काफी मेहनत करते हुए सफलता पाई है। संघ के काफी नजदीक रहते हुए भाजपा में बिना पद के कार्य किए हैं। शहर की हर नब्ज जानते हैं व प्रशासनिक स्तर पर कार्य कराने में सक्षम हैं।
पुष्पमित्र भार्गव युवा हैं व कॉलेज समय से ही पार्टी के लिए एबीवीपी के माध्यम से विरोधियों लड़ते रहे हैं। संघ के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ संघ की जिम्मेदारियों को संभालते हुए वकालत की। वर्तमान में उच्च न्यायालय में बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्य कर रहे हैं। भार्गव की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी उच्च शिक्षित है।