भोपाल (ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश का ग्वालियर अंचल और राजगढ़ जिला राजनैतिक लिहाज से हॉट स्पॉट बन गया। इन क्षेत्रों में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक विवाद के चलते रणनीतिक जमावटें तेज हो गई है, शह-मात का खेल भी चल पड़ा है। चुनाव पूर्व प्रदेश में राजा महाराजा के बीच पूरातन राजनैतिक जंग फिर चल पड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के गृह जिले राजगढ़ और ज्योतिरादित्य के गृह जिले ग्वालियर क्षेत्र में जबरजस्त राजनैतिक सरगर्मी चल पड़ी है। राजनैतिक दांव की शुरूआत ज्योतिरादित्य के पिछले दिनों राजगढ़ दौरे और खासकर पहली बार रात्रि मुकाम के बाद हो गई है। अपनी यात्रा के दौरान ज्योतिरादित्य ने न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं ओर नेताओं को समय दिया, बल्कि दिग्विजयसिंह के पूराने सिपासलाहरों को भी टटोला। खबर हैं कि दिग्विजयसिंह ने राजगढ़ जिले के राघोगढ़ से विधायक जयवर्धनसिंह को घेरने की व्यूरचना शुरू कर दी है। उन्होंन दिग्विजयसिंह के खास समर्थक रहे। मुलचंद सिंह के पूत्र हितेन्द्र पर दाव लगाया है। हितेन्द्र भाजपा में शामिल हो चुके हैं, ज्योतिरादित्य जिले की अन्य सिटों पर भी दिग्विजयसिंह को घेरने के लिए प्रत्याशी तय करने में जुटे हुए हैं। राघोगढ़ सीट पर लम्बे समय से कांग्रेंस का कब्जा है। उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया की गतिविधियों के बाद दिग्विजयसिंह ने भी ग्वालियर अंचल को निशाना बनाया है। क्षेत्र के गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद क्षेत्र मेें कांग्रेसी उत्साहित भी है। सिंधिया की गतिविधियों को लेकर दिग्विजय सिंह का कहना है कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई चुनौती नहीं मानते, उनकी असली लड़ाई तो भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से हैं।