सुलेमानी चाय -बीजेपी का दर्द कांग्रेस के पेट में…किसके हाथ लगेगी आई.के.डी.सी की कुर्सी…टी.पी.एस. वन पर खजराने में नेताओं की नौटंकी…कुश्ती को जिंदा रखने के लिए दांव लगा रहे पहलवान..
बीजेपी का दर्द कांग्रेस के पेट में…
वो कहते है ना अपने घर दाल नहीं और दूसरों की हंडी की फिक्र, ऐसा ही कुछ मामला पिछले दिनों अल्पसंख्यक नेताओं को नजरअंदाज कर बनाई गई भाजपा की नगर इकाई के समय सामने आया, जिसमें भाजपा ने कई नियुक्तियां की, लेकिन एक भी अल्पसंख्यक नेता को नगर टीम में जगह नहीं दी गई, दर्द बड़ा है, लेकिन इस बार भाजपा के अल्पसंख्यक नेताओं का दर्द भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं के पेट में हो रहा है, जिसमें शहर के कई कांग्रेसी नेताओं ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के इन नेताओं के साथ हमदर्दी जताते हुए बीजेपी को कोसा है, लेकिन उन्हें कौन बताए कि इस तरह की छोटी मोटी बेइज्जती की तो बीजेपी के मुस्लिम नेताओं को आदत पड़ गई है, दूसरी तरफ अगर देखा जाए तो कांग्रेस में भी अल्पसंख्यक नेताओं की स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन बेचारे अपनी पार्टी को तो कोसने से रहे।
किसके हाथ लगेगी आई.के.डी.सी की कुर्सी…
प्रदेश की सबसे बड़ी मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी, इस्लामिया करीमिया सोसाइटी, को जहां प्रदेश में सबसे पहले कंप्यूटर कोर्स शुरू करने का शफ़र् हासिल है, वही शहर ही नहीं प्रदेश से लेकर देश भर में कई मारूफ शख्सियत इस इदारे से इल्म याफ्ता होकर निकली है, यहाँ का हर एक मास्टर किसी जोहरी से कम नही, ढोरों को तराशने में इनकी हुनरमंदी कबीले तारीफ है, खेर, लंबे अरसे तक मुल्तानी परिवार ने इस सोसाइटी को संभाले रखा था, जिसमें, हाजी गफ्फार नूरी, निर्विरोध अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहे, उनके बाद उनके छोटे भाई जब्बार मुल्तानी ने भी इस जिम्मेदारी को संभाला, इन के बाद अब यह जिम्मेदारी प्रोफेसर हलीम खान या नासिर बैग को मिल सकती है, कुल मिलाकर प्रदेश भर में मुस्लिमों के पास सिर्फ यह एक ही कामयाब इरादा है, लेकिन कुछ लोग इसे भी दीमक की तरह चाट रहे हैं उनकी हिदायत के लिए दुआ होनी चाहिए।
टी.पी.एस. वन पर खजराने में नेताओं की नौटंकी…
खजराना में जहा टीपीएस वन की जद में आने वाली कालोनियों के रहवासीयो की रातों की नींद उड़ी हुई है, वही खजराने के नेता अपनी नौटंकीयो से बाज नहीं आ रहे,एक तरफ तो नेता शासन प्रशासन को आवेदन निवेदन कर अपने फोटो सोशल मीडिया पर चला कर पीड़ित लोगों की हमदर्दी बटोर कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं, वहीं वही दूसरी तरफ इन्होंने आईडीए से जमीनों के एवज में मिलने वाली जमीन और मुआवजा लेना शुरू कर दिया है, टी पी एस वन निकलने के बाद इन नेताओं की लाखों की जमीन करोड़ों की हो जाएगी, इसीलिए यह नेता लोगों को गुमराह कर नेतागिरी में उलझा रहे हैं। जबकि टीपीएस को रोकने के लिए कोर्ट ही सही रास्ता है, पिछले दिनों हाई कोर्ट ने टीपीएस 4 और 5 पर भी स्टे लगा दिया है।
कुश्ती को जिंदा रखने के लिए दांव लगा रहे पहलवान..
नूरा कुश्ती के इस दौर में असल कुश्ती कराने में कितने दांव पेच लगाने पड़ते हैं, इस बात का अंदाजा 25 सालों से सितारा इंदौर कराने वाले गम्मू पहलवान से बेहतर कोई नहीं जानता, महंगाई के इस दौर में छोटा-मोटा दंगल कराने में ही पसीने आ जाते हैं, वही इस बूढ़े पहलवान ने अभी हार नहीं मानी है, और शहर में देश भर से नामी पहलवानों की महफिल सजाने की जद्दोजहद शुरू कर दी है, इसी के साथ इंदौर में राष्ट्रीय स्तर का सितारा इंदौर कुश्ती दंगल का आयोजन होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां चल रही है, कोरोना काल के बाद से शहर में कोई दंगल नही हुवा ऐसे में ये आयोजन कुश्ती को फिर वेंटिलेटर से उठा कर एरिने में लाएगा।
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