डीईओ और प्राचार्य की हरी झंडी के बाद ही होगी शिक्षक-शिक्षिकाओं की पदस्थापना
शैक्षणिक व्यवस्थाएँ बिगड़ने की आशंका के चलते
इंदौर (संजय नजाण)।
लंबी जद्दोजहद के बाद एक बार फिर प्राचार्यों की पदस्थापना की शुरुआत हो गई है और शुरुआती दौर में दो प्राचार्यों की पदस्थापना कर दी गई है। वहीं शिक्षक शिक्षिकाओं के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों के द्वारा दी गई गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर ही पदस्थापना की जाएगी इसमे इस बात का विशेष रुप से ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं स्कूलों में व्यवस्थाएँ न गड़बड़ा जाए। और शैक्षणिक गतिविधियाएँ प्रभावित नहीं हो।
विदित रहे कि मध्यप्रदेश राज्य शासन भाजपानीत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में शिक्षिक शिक्षिकाओं के साथ साथ प्राचार्यों की भी पदस्थापना की जा रही है इसके लिए नीति बनाई गई है। इसमे प्राचार्यों के पदस्थापना की शुरुआत कर दी गई है और शुरुआती दौर में तीन जिले नई पदस्थापना के दायरे में आये हैं। उज्जैन जिले की घट्टिया तहसील के पानविहार उ.मा.वि. में पदस्थ प्राचार्य राजकुमार चेलानी का स्थानांतरण संयोगितागंज उ.मा.वि. इंदौर बालक में कर दिया गया है। वहीं शाजापुर में पदस्थ एन.डी. गुप्ता का स्थानांतरण शुजालपुर में शासकीय उत्कृष्ट शारदा उ.मा.वि. में कर दिया गया है। पूरे प्रदेश में लगभग ६०० से अधिक प्राचार्यों के पद रिक्त हैं। इधर शिक्षक शिक्षिकाओं के स्थानांतरण और नई पदस्थापना की प्रक्रिया पाईपलाइन में है लेकिन इसमे एक पेंच आ गया है। सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षिक शिक्षिकाओं ने शहरी क्षेत्र में अपनी पदस्थापना को लेकर आवेदन दे दिये थे। पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में आवेदन आ जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षणिक व्यवस्थाएँ प्रभावित होने की आशंकाएँ पैदा हो गई है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए राज्य शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी और शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार, डीपीआई जयश्री कियावत और प्रमुख सचिव शिक्षा में आपस में मंत्रणा हुई और भविष्य में होने वाली झंझट और परेशानी से निपटने के लिए यह उपाय अमल में लाये जाने की कवायद हुई कि सभी ५२ जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों और जिलों में पदस्थ प्राचार्यों द्वारा भेजी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर भी शिक्षक शिक्षिकाओं के स्थानांतरण होंगे। यह रिपोर्ट तलब की जा रही है।
सोमवार तक रिपोर्ट भेजने के चर्चे
सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रदेश में लगभग ३२ हजार शिक्षक शिक्षिकाओं ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किये हैं जिसमे प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के शिक्षिक शिक्षिकाएँ और व्याख्याता सम्मिलित है। इनमे से लगभग ७५ प्रतिशत शिक्षक शिक्षिकाएँ शहरी क्षेत्रों में पदस्थापना चाहते हैं ताकि भविष्य में उनके बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने में आसानी रहे। शिक्षिक शिक्षिकाओं के इस रुख से ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का सेटअप गड़बड़ाने जैसे हालात बन गए हैं। इसलिए अधिकारियों ने यह हल निकाला है कि जिला शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों की संयुक्त रिपोर्ट तलब की जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र में शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित नहीं हो। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य, संकूल प्रभारी की संयुक्त हरी झंडी होगी तो ही उस शिक्षक का स्थानांतरण, नई पदस्थापना हो सकेगी। यह रिपोर्ट सोमवार तक तलब किये जाने की चर्चाएँ हैं।