6 करोड़ की योजना पर 1 करोड़ खर्च कर भूल गया आईडीए
9 साल बाद भी जस का तस हैं टिगरिया बादशाह का तालाब
इंदौर(धर्मेन्द्रसिंह चौहान)।
सुपर कॉरिडोर स्थित टिगरिया बादशाह तालाब को इंदौर विकास प्राधिकरण ने पीपीपी मॉडल पर पिकनिक स्पॉट और सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित करने के लिए 40 करोड़ की योजना तैयार की थी। जिसके अंर्तगत 6 करोड़ रूपए का बजट सिर्फ तालाब की योजना के लिए मंजुर हुआ था, इस पर 1 करोड़़ खर्च कर प्राधिकरण भूल गया। अब यहां एक भयावह गढ्ढे के अलावा विकास दिखाई नहीं दे रहा है।
सुुपर कॉरिडोर स्थित टिगरिया बादशाह के तालाब को संवारने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने 2013 में 40 करोड़ की एक महत्वकांक्षी योजना (जिसके अंर्तगत सिटी फॉरेस्ट भी था) बना कर भूल गया। प्राधिकरण यहां पर अहमदाबाद की कांकरिया लेक की तर्ज पर विकसित करना चाह रहा था। इसी के तहत इस पर पूरीयोजना बनाई गई थी। बाद में योजना के शुरूआती दौर में 6 करोड़ रूपए का बजट रखकर प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर इसके टेंडर जारी करने के बाद इस पर काम भी शुरू कर दिया गया था। तालाब के गहरीकरण का काम शुरू होने के बाद सिर्फ गहरीकरण में ही 1 करोड़ रूपए खर्च हो गए। लगभग दो साल तक चले इस कार्य में प्राधिकरण ने तालाब की 20 हेक्टयर जमीन से 45 हजार क्यूबीक मीटर मिट्टी निकाली गई थी। यहां से निकली मिट्टी का उपयोग तालाब की पाल बनाने के लिए किया गया था। पाल पर मिट्टी डालने के बाद पिंचिंग तक हो चुकी थी। मगर पिंचिंग करने के बाद प्राधिकरण के अधिकारी इसे भूल ही गए, अब लगभग 9 साल गुजरने के बाद आजतक इस तालाब पर इंदौर विकास प्राधिरण ने पलट कर नहीं देखा। बजट के बचे हुए 5 करोड़ रूपए खर्च करने को लेकर अब तक कोई पहल भी नहीं की गई, जिससे बजट भी लेप्स हो गया। वर्तमान में सुपर कॉरिडोर पर न तो सिटी फॉरेस्ट दिखाई दे रहा हैं और न ही कोई पिकनिक स्पॉट। अधर में पड़े इस तालाब पर प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर की कमाई से विकास का बिड़ा उठाया था। 1 करोड़ रूपए खर्च करने के बाद इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी लेना बंद कर दी। बचे हुए 5 करोड़ रूपए का बजट बोर्ड ने खत्म कर दिया।