गुस्ताखी माफ – भाजपाई ज्योत से मालवा में ज्योति चमकेगी…निगम के नए नक्शेबाज…उम्रदराज के मुहाने पर अब संकट…

भाजपाई ज्योत से मालवा में ज्योति चमकेगी…
भाजपा के कई बड़े इंदौरी नेता अब यह मानने लगे हैं कि धीरे-धीरे मालवा-निमाड़ में नेतृत्व खत्म होता जा रहा है और इसी का परिणाम है कि मालवा-निमाड़ जो पूरे प्रदेश को अपनी पहचान भाजपा में देता था, वह अब खाली हो चुका है। सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय, कृष्णमुरारी मोघे सहित कई नेता जो अब प्रदेश की ताकतवर राजनीति से दूर हो चुके हैं, तो वहीं कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से राष्ट्रीय राजनीति में होने के कारण मालवा-निमाड़ से मुक्त हो चुके हैं। ऐसे में एक नया समीकरण जो मालवा निमाड़ में बनने जा रहा है, वह है नए नेतृत्व का और यह नया नेतृत्व आने वाले चुनाव में ज्योति बाबू के झंडे तले दिखाई देगा। हालांकि कई नेताओं को यह हजम नहीं होगा, पर यह तय है और इसी कारण ज्योति बाबू अपने कट्टर समर्थकों को पूरी तरह सशक्त सेना के लिए तैयार कर रहे हैं। दूसरी ओर यदि हम ग्वालियर अंचल पर नजर डालें तो ग्वालियर के स्थापित नेता नरेंद्रसिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, जयभानसिंह पवैया सहित कई दिग्गज अब ज्योति बाबू के साथ एक जाजम पर होने के बाद भी हो नहीं पा रहे हैं। वहीं शिवपुरी में भी अब ज्योति बाबू की वापसी भाजपा स्तर पर कठिन होगी। ऐसे में मालवा-निमाड़ भविष्य की राजनीति में सिंधिया का नया केंद्र होगा। हालांकि भाजपा के बड़े नेेताओं में इसकी सुगबुगाहट दिखाई दे रही है और मोर्चे भी तैयार होना शुरू हो गए है, पर जब पैराशूट राजनीति की संस्कृति भाजपा में शुरू ही हो गई है तो स्थापित नेताओं को दरकिनार करने में चंद सेकंड ही लगेंगे।
निगम के नए नक्शेबाज…
नगर निगम में इन दिनों संदीप सोनी के पास कई विभाग की जिम्मेदारी आ गई है। उनका नक्शा इतना बढ़ गया है कि वे नक्शेबाज हो गए हैं, यानी जनकार्य विभाग का पूरा नक्शा ही उन्होंने बदल डाला है। हालांकि कनाड़िया रोड की एक टाउनशिप सहित कुछ और महत्वपूर्ण फाइलें नदारद हो गई हैं। अब इसके लिए कौन जादूगर है, यह तो देखना होगा। जो भी हो इन दिनों तो नगर निगम के नए सिकंदर वे ही बने हुए है।
उम्रदराज के मुहाने पर अब संकट…
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से इस बार युवा मंत्रिमंडल या अब तक का सबसे जवान मंत्रिमंडल गठित कर यह संदेश दे दिया है कि उम्रदराज हो चुके नेता अब दरकिनार होना शुरू हो जाएंगे। इंदौर में ही कई नेताओं का भविष्य भाजपा में घर बैठने की स्थिति में होता जा रहा है। लहर में चुनाव हार चुके नेताओं का तो भविष्य अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है। इसमें मनोज पटेल से लेकर जीतू जिराती, मधु वर्मा भी शामिल हैं। हालांकि और भी कई नेता जो पैंसठ के लगभग पहुंच चुके हैं, वे भी अगले चुनाव में अपने अस्तित्व के लिए लड़ते हुए दिखाई देंगे। पिछले दिनों एक विधायक के जन्मदिन पर लगे होर्डिंग में उम्र दिखाए जाने के बाद रातोंरात होर्डिंग उनके क्षेत्र से गायब हो गया।
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