दो माह पहले से तय था हटेगा बीआरटीएस

टूटने के बाद यात्रियों को राहत देगा निगम

It was decided two months ago that BRTS would be removed
It was decided two months ago that BRTS would be removed

इंदौर। करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया बीआरटीएस आने वाले दिनों में इतिहास बनकर रह जाएगा। इसके बचे हुए हिस्से को जल्द ही तोडऩे का काम शुरू किया जाएगा। बीआरटीएस के खत्म होने के बाद इस पर चलने वाली बसें अन्य मार्गों पर नहीं दौड़ेगी। वे तय समय पर निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक चलेगी। इससे आईबसों में सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। उन्हें बस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बीआरटीएस को हटाने की घोषणा भले ही दो दिन पहले हुई, लेकिन इसे तोडऩे की योजना दो माह पहले तय हो गई थी।

एआईसीटीएसएल के सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में बीआरटीएस पर 50 के आसपास बसें चलाई जा रही है। इन बसों में सुबह 7 से रात 10 बजे तक 55000 के आसपास यात्री सफर करते हैं। बसों के संचालन का समय निर्धारित होने से यात्रियों के लिए यह पहली पसंद बन गई थी। लगातार यात्रियों की मांग पर बीआरटीएस पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना पर भी एआईसीटीएसएल काम कर रहा था। लेकिन, अचानक सीएम मोहन यादव के आदेश ने विभाग के हतप्रभ कर दिया।

ब्रिज और एलिवेटेड बन रहे कारण

निरंजनपुर से लेकर भंवरकुआ तक बीआरटीएस होने के बावजूद ट्रेफिक का दबाव बना हुआ था। कई चौराहों पर जाम लग जाता था। इस मार्ग का ट्रेफिक कम करने यातायात पुलिस ने जिला प्रशासन और निगम के साथ कई बार मुहिम चलाई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। ट्रेफिक दबाव कम करने प्रशासन ने ब्रिज और एलिवेटेड की योजना बनाई थी। इन दोनों योजनाओं पर काम भी शुरू हो गया था। योजना को मूर्तरुप देने के लिए बीआरटीएस खत्म करना जरूरी था।

पूर्व में हो चुका है भूमिपूजन

प्रशासनिक अधिकारियों ने सत्यसाईं चौराहा, देवास नाका, एलआईजी से नवलखा चौराहा तक ब्रिज बनाना प्रस्तावित किया है। एलिवेटेड ब्रिज के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भूमिपूजन कर चुके हैं। शापिंग काम्प्लेक्स के पास ब्रिज का बेस तैयार करने का काम भी शुरू हुआ था। उधर, सत्यसाई चौराहा से ब्रिज के लिए बीआरटीएस को कई जगह तोड़ा गया है।

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